जगदलपुर. प्रदेश सरकार ने बस्तर की जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) भारती प्रधान को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. उनकी जगह अब बलिराम बघेल को बस्तर का नया जिला शिक्षा अधिकारी नियुक्त किया गया है. यह निलंबन 2019 में कोविड महामारी के दौरान किए गए नियमों के उल्लंघन और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते हुआ है.
भ्रष्टाचार के आरोप और जांच
2019 में कोविड महामारी के दौरान केन्द्रीय भण्डार, नेकॉफ (नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड), और एन.सी.सी.एफ (नेशनल कंज्यूमर कोऑपरेटिव फेडरेशन) के जरिए नियमों का उल्लंघन करते हुए खरीदी की गई थी. जांच में पाया गया कि इन संस्थानों के माध्यम से की गई खरीदारी में नियमों का पालन नहीं किया गया और भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए गए.
नियमों के विपरीत खरीदी का मामला
जांच के बाद सामने आया कि कोविड महामारी के दौरान आवश्यक सामग्रियों की खरीदारी में नियमों का उल्लंघन किया गया था. यह सामग्री केन्द्रीय भण्डार, नेकॉफ और एन.सी.सी.एफ के जरिए खरीदी गई थी. इन संस्थाओं से संबंधित सामान की खरीदी में भ्रष्टाचार के पुख्ता सबूत मिले, जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान को निलंबित कर दिया गया.
ये काम करती हैं तीनों संस्थाएं
केन्द्रीय भण्डार, नेकॉफ और एनसीसीएफ तीन प्रमुख संस्थाएं हैं जो विभिन्न प्रकार की उपभोक्ता वस्तुओं और आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति करती हैं.
केन्द्रीय भण्डार: यह संस्था सरकारी कर्मचारियों और आम जनता को उपभोक्ता वस्तुएं सस्ती दरों पर उपलब्ध कराती है. इसके जरिए स्कूलों और अन्य सरकारी संस्थानों के लिए आवश्यक सामग्री की खरीद की जाती है.
नेकॉफ (नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड): नेकॉफ एक सहकारी संघ है जो उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद और आपूर्ति में संलग्न है. इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण वस्तुएं उचित दरों पर उपलब्ध कराना है.
एनसीसीएफ (नेशनल कंज्यूमर कोऑपरेटिव फेडरेशन): एनसीसीएफ का कार्य भी उपभोक्ता वस्तुओं की आपूर्ति करना है, विशेषकर सरकारी और सार्वजनिक संस्थानों के लिए.
इस तरह गड़बड़ी
शिक्षा विभाग के अंतर्गत स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के लिए आवश्यक सामग्री की खरीद और आपूर्ति की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी की होती है. कोविड महामारी के दौरान, शिक्षण सामग्री, सैनिटाइजर, मास्क, और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए इन संस्थाओं से सामान खरीदा गया था.
भ्रष्टाचार की पुष्टि
जांच के दौरान यह पाया गया कि खरीदी के नियमों का उल्लंघन किया गया और सामान की कीमतों में हेरफेर कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया. इस वजह से जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान को निलंबित किया गया है.
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