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कांग्रेस नेता बसंत ताटी की पांच एकड़ भूमि के विरुद्ध जांच बना चर्चा का विषय, 2019 से चल रही जांच

 Newsbaji  |  Aug 10, 2023 05:07 PM  | 
Last Updated : Aug 10, 2023 05:14 PM
बीजापुर के कांग्रेस नेता का जमीन मामला फिर चर्चk में आया.
बीजापुर के कांग्रेस नेता का जमीन मामला फिर चर्चk में आया.

बीजापुर. भोपालपटनम से कांग्रेस के कद्दावर नेता बसंत राव ताटी द्वारा इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान सह टाइगर रिजर्व अंतर्गत मद्देड़ बफर क्षेत्र में पांच एकड़ वन भूमि पर मालिकाना हक के विरूद्ध शिकायत पर वन विभाग और राजस्व विभाग ने सम्मिलित रूप से जांच तेज कर दी है. तीन दिन पहले ही भोपालपट्टनम तहसीलदार और मद्देड़ बफर परिक्षेत्र के अफसरों के साथ राजस्व और वन विभाग के कर्मचारी जांच कर लौटे हैं. इसकी जांच प्रतिवेदन तैयार की जा रही है, जिसे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के सुपुर्द किया जाना है.

तहसीलदार भोपालपट्नम कैलाश पोयाम के अनुसार उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार टीम जांच के लिए पहुंची थी. मौके पर पहुंचकर जरूरी भौतिक सत्यापन कर पंचनामा तैयार किया जा रहा है. आगे जांच प्रतिवेदन तैयार कर एसडीएम को रिपोर्ट सौंपी जाएगी. हालांकि जांच में शिकायत सही पाई गई अथवा नहीं, इस पर जांच पूरी होने का हवाला दिया गया.

चुनावी साल में चर्चा गर्म
बताया गया है कि वर्ष 2019 से संबंधित भूमि की जांच चल रही है, लेकिन चुनावी साल में इलाके में इसकी चर्चा जोरों पर है. वजह है बसंत राव ताटी, जो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता होने के साथ भोपालपट्नम में बड़ी राजनीतिक शख्सियत के रूप में चर्चित है. इसी वर्ष 21 जून को उपनिदेशक टाइगर रिजर्व की तरफ से कलेक्टर बीजापुर को भोपालपट्नम तहसील अंतर्गत वनभूमि पर फर्जी पट्टों को निरस्त करने हेतु कार्रवाई के लिए पत्र व्यवहार किया गया था. पत्र में उल्लेख है कि बसंत राव ताटी द्वारा भोपालपट्नम तहसील के खसरा क्रमांक 1/15/1 में रकबा 5 एकड़ वन भूमि पर फर्जी तरीके से पट्टा जारी करवाया गया था.

आईटीआर पहले ही ठहरा चुका है गलत
उक्त भूमि इंद्रावती टाइगर रिजर्व के मद्देड़ बफर के वन क्रमांक ओए 1229 के अंतर्गत है. पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि वन कक्ष क्रमांक ओए 1229 छोटे-बड़े झाड़ के जंगल है और पटवारी अभिलेख में भी इसका स्पष्ट उल्लेख है. इस आधार पर टाइगर रिजर्व पहले ही ताटी के दावे और शासकीय पट्टे को गलत ठहरा चुका है. चूंकि अब इस प्रकरण में जांच तेज है , ऐसे में बसंत ताटी के स्वामित्व को राजस्व विभाग खारिज करता है या फैसला पक्ष में आता है, यह देखने वाली बात होगी, हालांकि विस चुनाव से पहले जमीन विवाद से भोपालपट्नम में बसंत ताटी चर्चा में जरूर हैं.

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