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कांग्रेस जांच दल का दावा- तेंदूपत्ता तोड़ रहे ग्रामीण डरकर भागे और फायरिंग में मारे गए, 2 मृतक ही नक्सल सदस्य

 Newsbaji  |  May 25, 2024 03:56 PM  | 
Last Updated : May 25, 2024 03:56 PM
रायपुर में पीसीसी चीफ दीपक बैज ने जांच दल की रिपोर्ट सार्वजनिक की.
रायपुर में पीसीसी चीफ दीपक बैज ने जांच दल की रिपोर्ट सार्वजनिक की.

रायपुर. छत्तीसगढ़ के बीजापुर में बीते 10 मई को हुए मुठभेड़ में सुरक्षाबलों व पुलिस के हाथों मारे गए 12 लोगों में से 8 को कांग्रेस ने आम ग्रामीण बताया है. पार्टी द्वारा भेजे गए जांच दल की रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए पीसीसी चीफ दीपक बैज ने रायपुर में पत्रवार्ता को संबोधित करते हुए मामले की न्यायिक जांच कराए जाने की मांग की है.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बीजापुर के पीडिया में बीते दिनों सुरक्षा बलों व नक्सलियो के बीच मुठभेड़ की खबर सामने आई थी. 10 मई को हुए इस मुठभेड़ में 12 लोगों की मौत हुई थी. साथ ही 6 लोग घायल हुए थे. इसके संबंध में पुलिस का दावा था कि मारे गए सभी लोग नक्सली थे. लेकिन घटना के बाद पीडिया और ईतवार गांव के ग्रामीणों का कहना है कि घटना में मारे गए सभी लोग नक्सली नहीं थे.

ये थे जांच दल में
ग्रामीणों के इस दावे के बाद प्रदेश कांग्रेस ने घटना की वस्तुस्थिति जानने के लिए एक जांच दल का गठन किया था. बीते 16 मई को टीम बीजापुर से पीडिया के लिए संयोजक संतराम नेताम, सदस्य के रूप में विधायक इन्द्रशाह मंडावी, विक्रम मंडावी, जनकलाल ध्रुव, सावित्री मंडावी, रजनू नेताम, शंकर कुडियम और छविन्द्र कर्मा रवाना हुए. अस्वस्थ होने के कारण पूर्व विधायक देवती कर्मा जांच दल में शामिल नहीं हो पाई थीं.

इनका लिया बयान
जांच दल के सदस्यों ने पीड़ित परिवार के परिजन सुक्की कुंजाम, ललिता, अवलम समली, बुधरू राम बारसे, पोदिया, बोदे से अलग-अलग पूछताछ की और उनका बयान लिया.

ये नहीं थे नक्सली
अपने बयान में सभी ने बताया कि जिन्हांने अपने ब्यान में बताया कि मुठभेड़ में मारे गए मल्लेपल्ली निवासी बुधू ओयाम, पालनार निवासी कल्लू पुनेम, ईतावार निवासी लक्खे कुंजाम, उंडा छोटू, उरसा छोटू, सुक्कू ताती, चैतु कुंजाम, सुनीता कुंजाम, जागो बरसी, पीडिया निवासी सन्नु अवलम, भीमा ओयाम, दुला तामो को पुलिस ने नक्सली बताकर मार दिया. जबकि ये नक्सली नहीं थे. इसी तरह ईत्तावार निवासी कु. कुंजाम गुल्ली, कु. लेखा देवी, कुंजाम जिला, कुंजाम बदरू व पीडिया निवासी पोयाम नन्दू घायल हुए हैं.

ये 2 थे संघम संदस्य
अपने बयान में उन्होंने बताया कि मृतक मल्लेपल्ली निवासी बुधू ओयाम व पालनार निवासी कल्लू पूनेम ही नक्सली गतिविधियों में संघम सदस्य के रूप में काम करते थे. शेष मृतक और घायल किसी भी प्रकार के नक्सली गतिविधियों में शामिल नहीं थे. पुलिस निर्दोष आदिवासियों को नक्सली बताकर इनाम और प्रमोशन लेने के लिए घटना को अंजाम दिए हैं.

तेंदूपत्ता तोड़ रहे थे, डरकर भागे
गांववालों ने बताया कि उस दिन पीडिया व ईतावर के ग्रामीण सुबह करीब 6 बजे पीडिया के जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने गए थे. इसी बीच पुलिस गश्त करते हुए पीडिया जंगल पहुंचा. मृतक व घायल लोग पुलिस को देखकर भागने लगे और कुछ लोग पेड़ के ऊपर चढ़ गए. इसी दौरान पुलिस ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. इसमें 12 लोगों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई. शेष 6 लोगों का अभी भी जिला अस्पताल में उपचार चल रहा है.

कांग्रेस का ये निष्कर्ष
कांग्रेस जांच दल की रिपोर्ट के अनुसार मल्लेपल्ली निवासी बुधू ओयाम और पालनार निवासी कल्लू पुनेम तो नक्सली गतिविधियों में संगम सदस्य के रूप कार्य करते थे. शेष मृतक व घायल कभी भी किसी भी प्रकार के नक्सली गतिविधियों शामिल नहीं थे और न ही कोई भी उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज था. पूछताछ से ऐसा प्रतीत होता है कि वास्तव 2 लोगों को छोड़कर सभी मृतक व घायल लोग गांव में सामान्य जीवन-यापन करते थे. उन्हें पुलिस ने नक्सली बताकर फर्जी मुठभेड़ में मारा है.

उच्च स्तरीय हो जांच
पीसीसी चीफ बैज ने कहा कि ग्रामीणों की शिकायतें बेहद ही गंभीर और संवेदनशील है. आरोप पुलिस पर लगे हैं. इसकी गंभीरता को देखते हुए जरूरी है कि इस मामले की उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच हो. हाईकोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश की निगरानी में इस मुठभेड़ की जांच कराई जानी चाहिए.

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