रायपुर। छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने चंदखुरी में स्थित माता कौशल्या के मंदिर का नारियल लेने से इंकार कर दिया। नारियल लेकर संविदा कर्मचारियों को मंत्री ने अपने बंगले से लौटा दिया। साथ ही यह बोले कि समय लेकर मंत्रालय में मिलेंगे।
रायपुर में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे से मिलने सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधि मंडल पहुंचे थे। यह सभी अलग-अलग विभागों में संविदा पर काम कर रहे हैं। लंबे वक्त से कर्मचारी नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलनरत थे। मंत्री से मिलकर नियमितीकरण की गुहार लगाना चाह रहे थे, लेकिन माननीय ने इन्हें बंगले से ही रवाना करना मुनासिब समझा।
कर्मचारी संगठन से जुड़े हेमंत सिन्हा ने बताया कि, पिछले दिनों चंदखुरी तक कर्मचारी पैदल यात्रा निकालकर पहुंचे थे। वहां माता कौशल्या के दरबार में मत्था टेककर नियमितीकरण की मनोकामना मांगी थी। वही मनोकामना नारियल हम लोग मंत्री जी को भेंट करना चाहते थे। उनसे मिलकर अपनी समस्या साझा करना चाहते थे। मगर उन्होंने नारियल लेने से इंकार कर दिया और कह दिया कि मंत्रालय आकर मिले।
संगठन से जुड़े पदाधिकारी ने बताया कि जब हम रविंद्र चौबे से मिलने उनके बंगले पहुंचे थे। उन्होंने ऐसा ही कह कर हमें लौटा दिया था। जब हम मंत्रालय पहुंचे समय लेकर उनसे मिलने वाले थे तो अपॉइंटमेंट दिए जाने के बाद मंत्री से मुलाकात नहीं हुई। उनके अधीनस्थ कर्मचारी ने कह दिया कि मंत्री के पास मिलने का समय नहीं है और हमें मंत्रालय से भी लौटा दिया गया।
बता दे कि, कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में अनियमित और संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वादा किया था। सूत्रों के मुताबिक इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार इस साल दिसंबर तक सारी प्रक्रिया पूरी कर लेगी और चुनावी साल में इसकी घोषणा की जा सकती है। हालांकि आला अफसर अभी इस मामले में खामोश हैं।
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