रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जैव विविधता अधिनियम 2002 में संशोधन को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि वन क्षेत्रों में कार्पोरेट जगत की एंट्री सरल कर आदिवासियों की बेदखली की तैयारी में हैं.
सीएम बघेल ने इस पर ट्वीट करते हुए लिखा है कि आदिवासी हितों के विपरीत है यह संशोधन. जैव विविधता अधिनियम 2002 (Bio Diversity Act 2002) में संशोधन के लिए लोकसभा से 25 जुलाई व राज्यसभा से 1 अगस्त को जैव विविधता (संशोधन) विधेयक, पारित कर दिया गया है. इस संशोधन के बाद जैव विविधता उल्लंघन से संबंधित अपराधों को समाप्त कर दिया जाएगा.
वन संशाधनों की होगी लूट
सीएम ने आगे लिखा है कि प्रस्तावित संशोधन में निजी क्षेत्र की कंपनियों को सभी प्रकार के वन क्षेत्रों में व्यापार की छूट देता है. इसका वास्तविक उद्देश्य कार्पोरेट सेक्टर को वन संसाधनों की लूट की छूट देना है. इस संशोधन के माध्यम से वन संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों को भी बैकडोर से बाई पास करने की मंशा है. इस संशोधन से आदिवासियों के हितों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा. वन क्षेत्रों में कार्पोरेट जगत की एंट्री सरल करने से आदिवासियों के वन क्षेत्रों से बेदखली की आशंका उत्पन्न हो गई है.
यहा देखें सीएम का ट्वीट:
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