रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार का दिन हंगामेदार रहा. एक ओर जहां, विपक्षी विधायक बस्तर में नेताओं की हत्या, धर्मांतरण आदि मामलों को लेकर स्थगन प्रस्ताव पर अड़े रहे तो वहीं सत्ता पक्ष के विधायक उनकी बातों का खंडन करते रहे.
इसी हंगामे के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनुपूरक बजट पर अपना भाषण दिया. इसमें उन्होंने कहा कि जिस महादेव एप को लेकर ये सवाल उठाते हैं उसके खिलाफ पूरे देश में कार्रवाई सिर्फ छत्तीसगढ़ में हुई. तब ये लोग दिल्ली पहुंच गए और उसके बाद ईडी ने जांच शुरू की. बल्कि इसी जांच से ये बात सामने आई कि मध्यप्रदेश के कई बड़े नेताओं के तार इस आपराधिक गतिविधि से जुड़ा हुआ है.
मुद्दा टिकने वाला नहीं- सीएम
मुख्यमंत्री ने अनुपूरक बजट भाषण देते समय ये भी कहा कि अनुपूरक बजट जिस दिन आता है उस दिन स्थगन नहीं लगता. इन्हें पता नहीं कि जो मुद्दा ये उठा रहे हैं ये टिकने वाला नहीं है. बल्कि ये घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोग हैं. इसी बात को आगे बढ़ाते हुए महादेव एप पर उन्होंने कहा कि सट्टा की बात ये लोग कह रहे थे. महादेव एप के खिलाफ पूरे देश में कार्रवाई सिर्फ छत्तीसगढ़ में हुई है. जब देखा कि यहां कार्रवाई हो रही है तो ये लोग दिल्ली भागे. इसके बाद ईडी से जांच शुरू करवाई गई. जांच हुई तो पता चला कि मध्यप्रदेश के नेताओं के नाम इसमें जुड़े हुए हैं. छत्तीसगढ़ में नशा रोकने का कानून बनाने की बात भी उन्होंने कही.
जनता जानती है झीरम घाटी का असली दोषी कौन
सीएम भूपेश बघेल ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता सब देख और सुन रही है. वह जानती है कि झीरम घाटी का असली दोषी आखिर कौन है. जब हम जांच के लिए आगे बढ़ते हैं तो यही लोग कोर्ट चले जाते हैं और याचिका दायर करते हैं. बीजेपी के नेताओं की हत्या मामले में हमारे डीजी ने केंद्र सरकार को एनआईए जांच के लिये चिट्ठी लिखी. लेकिन वे जांच कर क्यों नहीं रहे हैं. क्योंकि बीजेपी वाले इन हत्याओं पर सिर्फ राजनीति करना चाहते हैं.
ये हनुमान चालीसा तक नहीं पढ़ पाते
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने संबोधन में बीजेपी नेताओं की धर्म की राजनीति पर भी कटाक्ष किया. कहा कि 15 सालों तक रमन सिंह माता कौशल्या का मंदिर झांकने तक नहीं गए, ये क्या बात करेंगे. हमने माता कौशल्या का मंदिर बनवाया. ये लोग ठीक से हनुमान चालीसा तक नहीं पढ़ पाते हैं.
कांग्रेस के भी 18 लोगों की हत्या: बृजमोहन
विधानसभा में बीजेपी विधायक व पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बस्तर में हो रही हत्याओं पर सवाल उठाया. कहा कि वहां नक्सली घटनाएं बढ़ रही हैं. सिर्फ भाजपा नेताओं की ही हत्या नहीं हुई है. कांग्रेस के भी 18 लोगों की हत्या हो गई है, उन्हें शर्म करनी चाहिए. इस पर सत्ता पक्ष के सदस्य भड़क गए और उन्हें झीरम कांड की याद दिलाई. इसी बीच विपक्ष ने इस पर लाए गए स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की. तब कोंटा विधायक व मंत्री कवासी लखमा को पलटवार करते हुए कहा कि आप भी टारगेट में आ गए हो शर्म करो. जबकि विधायक व कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा के शासन काल में हमारे नेताओं को चुन-चुन कर मारा गया.
बीजेपी विधायकों ने गर्भगृह में गाए भजन
लगातार हंगामे के बीच बीजेपी का स्थगन प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिया गया. इस पर फिर से हंगामा हुआ और विपक्ष के विधायक गर्भगृह तक पहुंच गए. वहां उन्होंने आसंदी के सामने ही नारेबाजी की. इसके चलते सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित भी करना पड़ा. वहीं गर्भगृह में बैठे विपक्ष के विधायकों ने भजन भी गाए. कभी श्रीराम जय राम राजा राम ताे कभी रघुपति राघव राजा राम गाते रहे.
बस्तर बना धर्मांतरण की प्रयोगशाला- सौरभ सिंह
इस बीच सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई और एक बार फिर सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक शुरू हो गई. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि जहां बीजेपी-कांग्रेस के कार्यकर्ता मारे जा रहे हैं, जहां पुलिस कर्मी मारे जा रहे, ऐसे विषय पर भी क्या इस सदन में चर्चा नहीं होगी. इस बीच अकलतरा से बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने कहा कि बस्तर धर्मांतरण और मतांतरण की प्रयोगशाला बन रहा है. यहां विशुद्ध रूप से राजनीतिक हत्याएं हो रही हैं. बस्तर धर्मांतरण की आग में लगातार जल रहा है. आदिवासी सभ्यता भी खतरे में है.
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