रायपुर. दो भाई-बहन, भाई की आखों में 50 प्रतिशत नेत्र ज्योति है तो बहन को अब कुछ भी दिखाई नहीं देता. लेकिन, भाई का चयन आईआईएम अहमदाबाद में हो गया है, पर उसके लिए 25 लाख जुटाना मुश्किल था. अपने भाई को लेकर बहन सीएम हाउस तक पहुंच गई. यहां सीएम से मिलने के बाद यकीन हुआ कि बात बन सकती है. ठोस आश्वासन भी मिला. सीएम भूपेश बघेल उनके जज्बे से खासे प्रभावित भी हुए. फेसबुक पर बाकायदा पोस्ट भी किया.
पहले जान लेते हैं भाई-बहनों की पृष्ठभूमि
रायपुर के श्रीनगर में रहने वाले भाई-बहन मोहित व मुस्कान पटवारी आंखों की जेनेटिक बीमारी से ग्रसित हैं. मोहित का चयन अहमदाबाद आईआईएम के लिए हुआ है. पिता प्राइवेट जॉब कर परिवार को पाल रहे हैं. पैसों की कमी मोहित की पढ़ाई में सबसे बड़ी बाधा बन गई. तब भाई के दाखिले व आगे की पढ़ाई के लिए मुस्कान आगे आई और मुख्यमंत्री से मिलकर भाई की पढ़ाई के लिए मदद मांगने सीएम हाउस पहुंच गई. मुख्यमंत्री ने उनकी बात गंभीरता से सुनी. उनके जज्बे की तारीफ की. साथ ही मदद का भरोसा दिलाते हुए कहा कि इसका प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा और निश्चिंत होकर वे घर जाएं. बहन मुस्कान की पढ़ाई के लिए जरूरत तो नहीं है भी पूछा, लेकिन उसने मना कर दिया.
अब पढ़ें सीएम का फेसबुक पोस्ट
कल मैं अपने आवास पर था कि बिटिया मुस्कान अपने भाई मोहित के साथ मिलने आयी। उसने बताया कि “मैं और भैया आंखों की जेनेटिक बीमारी रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा से जूझ रहे हैं, इस बीमारी में धीरे-धीरे आंखों की ज्योति कम होती जाती है। मुझे बिल्कुल भी दिखाई नहीं देता और भैया की आंखों में लगभग पचास प्रतिशत ज्योति है।”
उसके भैया का सिलेक्शन आईआईएम अहमदाबाद में हुआ है लेकिन सामान्य परिवार से होने के कारण अधिक फीस जानकर उन्होंने पढ़ाई की उम्मीद छोड़ दी है। भारत के शीर्ष संस्थान आईआईएम अहमदाबाद के एंट्रेंस- कैट में मोहित का 99.93 परसेंटाइल से सिलेक्शन एमबीए के लिए हुआ है। मोहित रायपुर के रहने वाले हैं।
मैंने मुस्कान बिटिया से कहा है कि धन के अभाव में आपके सपने पूरे होने से कोई नहीं रोक सकता, आपके सब सपने पूरे होंगे। फीस की चिंता नहीं करनी है, खूब मन लगाकर पढ़ाई करनी है।
मोहित की फीस के लिए 25 लाख रुपये प्रदान करने के लिए मैने प्रस्ताव कैबिनेट मंजूरी के लिए भेजने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
मुस्कान भी बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से बीएड की पढ़ाई कर रही हैं। साथ ही साथ वे और मोहित 'रे ऑफ होप' नाम से प्रोजेक्ट चलाते हैं। जिसके तहत वे देश और विदेश के विज़न की समस्या से जूझ रहे लगभग 200 लोगों को मेंटल मैथ्स और इंग्लिश ऑनलाइन पढ़ाते हैं। वे आगे इस काम को और आगे ले जाना चाहते हैं।
लोगों की मदद करने का बच्चों का यह जज़्बा सराहनीय है।
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