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छत्तीसगढ़ में मजदूर दिवस कुछ खास,CM की अपील का असर, लोग खा रहे..बोरे बासी, जानिए क्या खास है इसमें

 Newsbaji  |  May 01, 2022 11:22 AM  | 
Last Updated : Jan 06, 2023 10:18 AM

रायपुर. छत्तीसगढ़ में पहली बार मजदूर दिवस कुछ अलग तरह से मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के लोगों से बोरे-बासी खाकर मजदूर दिवस मनाने की अपील की थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर संदेशों की लाइन लगी हुई है। दरअसल, ताजा भात (चावल) को जब पानी में डुबाकर खाया जाता है तो उसे बोरे कहते हैं। इसे दूसरे दिन खाने पर यह बासी कहलाता है।

कैसे खाए इसको
जानकार बताते है कि आम या नींबू का अचार, प्याज और हरी मिर्च, दही या मही डालकर, खट्टी भाजी, कांदा भाजी, चेंच भाजी, बोहार भाजी, रखिया बड़ी, मसूर दाल की सब्जी या मसूर बड़ी, रात की बची हुई अरहर दाल के संग, कढ़ी, आम की चटनी, लाखड़ी भाजी, सलगा बरा की कढ़ी, जिर्रा फूल चटनी, बिजौरी के खाने का मजा ही कुछ ओर है।

लोग बोरे बासी खा रहे है।

खाने के लाभ
जानकारी के मुताबिक, बासी खाने से होंठ नहीं फटते, पाचन तंत्र को सुधारता है। इसमें पानी भरपूर होता है, जिससे गर्मी के मौसम में ठंडक मिलती है। पानी मूत्र विसर्जन को बढ़ाने में मद्द करता है। जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। पथरी और मूत्र संस्थान की दूसरी बीमारियों से बचाता है। चेहरे के साथ पूरी त्वचा में चमक पैदा करता है। पानी और मांड के कारण ऐसा होता है। कब्ज, गैस और बवासीर से दूर रखता है। सबसे बढिया बात यह है कि यह मोटापे से बचाता है और मांसपेशियों को ताकत पहुंचाता है।

पुलिस जवान खा रहे बोरे बासी।

सीएम ने बताई विशेषता
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बोरे और बासी की विशेषता ट्ववीट करते हुए बताया है कि इसे गर्मी के दिनों में खाने से शरीर ठंडा रहता है और पाचन शक्ति मजबूत होती है। उन्होंने बताया कि बोरे बासी में सारे पोषक तत्व मौजूद रहते हैं। सीएम बघेल ने लोगों से आग्रह किया कि हम सभी मजूदर दिवस के दिन बोरे और बासी को खाएं और अपनी संस्कृति और विरासत पर गर्व महसूस करें।

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