बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में स्वास्थ्य विभाग की टीम प्राइवेट अस्पतालों में ये जांच करने गए थे कि वहां नर्सिंग होम एक्ट के तहत नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं. जबकि वहां आईपीडी रजिस्टर का मुआयना किया गया तो छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान यानी सिम्स के वे डॉक्टरों का नाम मिल गया जो बिना जानकारी दिए इन प्राइवेट अस्पतालों में न सिर्फ अपनी सेवा दे रहे थे, बल्कि बाकायदा सर्जरी कर रहे थे. अब इसकी शिकायत सिम्स प्रबंधन को भेजी जा रही है.
बता दें कि शहर के ज्यादातर निजी अस्पताल नर्सिंग होम एक्ट का पालन करते नजर नहीं आ रहे हैं. अस्पतालों में मरीजों की सुविधाओं की अनदेखी की जा रही है. पार्किंग तक की व्यवस्था नहीं है. लिहाजा इसकी जांच के लिए सीएमएचओ डा. राजेश शुक्ला ने अलग-अलग टीमों को इन अस्पतालों की जांच के लिए भेजा था.
तब नर्सिंग होम एक्ट अधिकारी डा. अनिल श्रीवास्तव के नेतृत्व में टीम में शामिल डा. प्रमोद तिवारी और डा. सौरभ शर्मा निरीक्षण के लिए पहुंचे. इस दौरान सांई हास्पिटल उसलापुर रोड, मेडिबोन हास्पिटल नेहरू नगर, रामकृष्ण हास्पिटल दयालबंद और श्री श्यामा हास्पिटल सीपत रोड की जांच की गई. तभी सिम्स के डॉक्टरों का नाम उनके रजिस्टर में मिला और टीमें हैरान रह गईं.
इन डॉक्टरों का मिला नाम
आर्थोपेडिक सर्जन डा़ राजीव सखूजा- श्री सांई हास्पिटल उसलापुर, मेडिबोन हास्पिटल नेहरू नगर और रामकृष्ण हास्पिटल दयालबंद में सिम्स के आर्थोपेडिक सर्जन डा़ राजीव सखूजा मरीजों को भर्ती कर उनका आपरेशन करते हैं. वे ऑन काल रूप से इन अस्पतालों में मरीजों का उपचार कर रहे हैं.
सर्जन डा. विनोद तामश्कंद- मेडिबोन हास्पिटल में सिम्स के सर्जन डा. विनोद तामश्कंद विजिटिंग डाक्टर रूप से पिछले एक साल से मरीजों की सर्जरी कर रहे हैं.
सिम्स प्रबंधन लेगा एक्शन
टीम ने इसकी रिपोर्ट सीएमएचओ डा. राजेश शुक्ला को सौंपी है. साथ ही इस रिपोर्ट को कलेक्टर, निगम कमिश्नर के साथ ही सिम्स के डीन डा. केके सहारे को सौंपा जा रहा है. मामले में इन डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन सिम्स प्रबंधन को लेना है.
एनपीए लेकर भी प्रैक्टिस
खास बात ये है कि इन दोनों डॉक्टरों ने निजी प्रैक्टिस नहीं करने संबंधी एनपीए लेकर भी प्रैक्टिस करते पाए गए हैं. दरअसल, सूचना देकर सरकारी डॉक्टर निजी प्रैक्टिस कर सकते हैं. जबकि एनपीए लेने पर उन्हें कुछ भत्ता भी मिलता है. अब ये डॉक्टर एनपीए लेकर शासन से भत्ता भी ले रहे हैं और निजी प्रैक्टिस भी कर रहे हैं. जबकि सिम्स अभी समस्याओं के दौर से गुजर रहा है और हाई कोर्ट तक में मामला चल रहा है.
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