दुर्ग-भिलाई। हसदेव अरण्य के लाखों पेड़ों की कटाई रोकने के लिये ग्रामीणों और आदिवासियों के संघर्ष के समर्थन में छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच ने रविवार 15 मई को दुर्ग में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। वहीं, मंच का एक प्रतिनिधि मंडल हसदेव अरण्य क्षेत्र का दौरा करने के लिए सरगुजा भी जाएगा।
छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच के वरिष्ठ नेता राजकुमार गुप्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री बघेल की सरकार ने सरगुजा के परसा केते कोल ब्लाक को आडानी को खनन के लिये आबंटित कर दिया है। कोल खनन के लिए हसदेव अरण्य के 4 लाख 50 हजार पेड़ों की कटाई होने वाली है। जंगल बचाने के लिये छत्तीसगढ़ विशेषकर सरगुजा के ग्रामीणों और आदिवासियों द्वारा लंबे समय से आंदोलन किया जा रहा है। किंतु असंवेदनशील राज्य सरकार ग्रामीणों और आदिवासियों की बात सुनने के लिए तैयार नहीं है और लाखों पेड़ों की कटाई करने की तैयारी में है।
वहीं, परसा कोल ब्लाक विस्तारीकरण और हसदेव अरण्य को लेकर मीडिया के द्वारा पूछे गए एक सवाल के जबाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि यह देश को तय करना है कि बिजली चाहिए या नहीं। केंद्र के आदेश पर राज्य सरकार को निर्णय लेना होता है अन्यथा हमारे कामकाज पर उंगली उठाई जाती है। जहां तक प्रस्तावित कार्यों की बात है, नियमों के तहत सारा काम होगा। लोगों के अधिकारों की रक्षा होगी। नियमों के विपरीत कोई काम नहीं होगा।
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