बिलासपुर. 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन 7 से 8 कैदियों को उनके अच्छे व्यवहार और भविष्य में किसी अपराध में लिप्त नहीं होने की संभावनाओं को देखते हुए रिहा किया जाता है. लेकिन, अब एक साथ प्रदेशभर की जेलों में बंद 348 कैदियों की एक साथ रिहाई की खबर है. जी हां, ये बिल्कुल सही है. ये भी बता दें कि अभी ये शुरुआत है, जिसमें पहले चरण में ये फैसला किया गया है. अब समय-समय पर इसी तरह कैदियों को छोड़ने का फैसला किया गया है.
ये है योजना
दरअसल, देशभर में जेल लोकअदालत शुरू की गई है जो कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर और राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की मॉनिटरिंग में चलाई जा रही है. राज्य स्तर पर इसकी देखरेख राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और हाईकोर्ट कर रहे हैं. इस जेल लोकअदालत में उन कैदियों के मामले में सुनवाई की जा रही है जो पहली बार और छोटे अपराध में जेल में सजा काट रहे हैं. अपराध बोध से ग्रसित ऐसे लोगों को जो जेल से निकलने के बाद समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर शांतिपूर्ण तरीके से जीवन यापन करना चाहते हैं उन्हें ही एक मौका दिया जा रहा है.
पहले चरण में 348 की सूची
बता दें कि पहले चरण पर रिहाई के लिए पहल शुरू की गई. फिर इसके लिए जेल में व्यवहार और योजना के मापदंड में खरे उतरने वाले कैदियों की सूची बनाई गई. फिर जेल लोकअदालत में इसकी जांच परख और कैदियों से बातचीत कर अंत में 348 कैदियों को अंतिम रूप से रिहाई के लिए चुना गया. फिरबीते रविवार को प्रदेश की सभी जेलों में लगी जेल लोक अदालत में छोटे अपराध में बंद 348 लोगाें के रिहाई का आदेश जारी किया गया.
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