छत्तीसगढ़. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से नई दिल्ली में राज्यपाल अनुसुईया उइके ने मुलाकात की। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री से छत्तीसगढ़ में जनजातियों के साथ ही प्रदेश के विभिन्न समस्याओं पर चर्चा करते हुए राज्य की वर्तमान स्थिति की जानकारी दी।
आदिवासियों की समस्याएं बताई
राज्यपाल ने पांचवी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले नगरीय क्षेत्रों में मेसा कानून लागू करने का अनुरोध किया। साथ ही कहा कि मेसा कानून लागू होने से जनजातियों को उनके संवैधानिक अधिकार प्राप्त होंगे। इसके अलावा उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए पेसा कानून के संबंध में नियम बनाने के संबंध में चर्चा की। चर्चा के दौरान राज्यपाल ने प्रधानमंत्री को जनजातियों की समस्याओं से अवगत कराया। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री को जनजातियों के जाति नाम में मात्रात्मक त्रुटियों से अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि इससे पात्र व्यक्तियों को जाति प्रमाण पत्र मिलने में कठिनाई हो रही है। इस विषय पर जल्द निर्णय लेने का भी अनुरोध किया है।
केन्द्रीय जनजाति विश्वविद्यालयों का विकास-राज्यपाल
राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने राज्य के विभिन्न जिलों के प्रवास के दौरान वहां के जनजातियों के साथ संवाद किया। उनकी समस्याओं को देखा और समझा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से चर्चा की और राज्य के आदिवासियों के विकास के संबंध में कई निर्णय लेने की आवश्यकता बताई। उन्होंने अनुरोध किया कि आदिवासी बाहुल्य जिलों में स्थित विश्वविद्यालयों को केन्द्रीय जनजाति विश्वविद्यालय के रूप में उन्नत किया जाए। जिससे यहां के जनजातीय समुदायों को लाभ मिल सकें। उन्होंने बताया कि इन क्षेत्रों की जनजातियों की कला संस्कृति का भी संरक्षित करने की आवश्यकता है। इसके लिए उन्होंने अनुरोध किया कि इन जनजातियों पर शोध कर उनका दस्तावेजीकरण किया जाए। जिससे इनकी संस्कृति की पहचान पूरे देश में हो सकें।
विशेष पैकेज की मांग
बस्तर और सरगुजा संभाग में रहने वाले जनजातियों के समुचित विकास के लिए राज्यपाल ने प्रधानमंत्री से विशेष पैकेज देने का भी अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि विशेष पैकेज मिलने से इन क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का विस्तार होगा। युवाओं को रोजगार मिलेगा और आदिवासी समुदाय का और बेहतर विकास हो सकेगा।
मानदेय बढ़ने को लेकर चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी से देश के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, शहरी सामाजिक कार्यकर्ताओं (ऊषा) और आशा कार्यकर्ताओं के संबंध में भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि ये कार्यकर्ता पूरी लगन से प्रदेश सहित देश के ग्रामीण क्षेत्रों में अपने कार्यो को कर रही हैं। कोरोना काल में भी इनके द्वारा लगातार कार्य किया जाता रहा है। इन कार्यकर्ताओं के कार्यो की सराहना करते हुए, पीएम मोदी से इनके मानदेय में वृद्धि के साथ ही उनके स्थायीकरण की दिशा में भी विचार करने का अनुरोध किया।
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