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कैबिनेट मीटिंग: गुरुघासीदास-तमोर पिंगला बनेंगे टाइगर रिजर्व, संविदा कर्मियों को 30 दिन आकस्मिक अवकाश

 Newsbaji  |  Aug 07, 2024 04:25 PM  | 
Last Updated : Aug 07, 2024 04:25 PM
कैबिनेट मीटिंग में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं.
कैबिनेट मीटिंग में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं.

रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में उनके निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक हुई है. इसमें कई अहम निर्णय लिए गए. खास ये कि गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व के गठन काे मंजूरी दी गई है. इसके अलावा संविदा कर्मियों के 30 दिन के आकस्मिक अवकाश को मंजूरी दी गई है. वहीं राजीव नगर हाउसिंग स्कीम अब अटल विहार योजना बन गई है.

बता दें कि टाइगर रिजर्व बनाए जाने का निर्णय राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक की अनुशंसा और भारत सरकार के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण की सहमति के अनुसार लिया गया है. इसके तहत टाइगर रिजर्व का गठन मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, कोरिया, सूरजपुर, और बलरामपुर जिलों में स्थित गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान वतमोर पिंगला अभ्यारण्य के क्षेत्रों को मिलाकर किया जाएगा. यह रिजर्व कुल 2829.387 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला होगा.

आर्थिक और सामाजिक रूप से फायदेमंद
टाइगर रिजर्व के गठन से राज्य में ईको-पर्यटन का विकास होगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा. रिजर्व के कोर एवं बफर क्षेत्रों में स्थित ग्रामीणों को गाइड, पर्यटक वाहन, रिसॉर्ट संचालन आदि से विभिन्न प्रकार के रोजगार के अवसर मिलेंगे. इसके अतिरिक्त, टाइगर रिजर्व में कार्य करने के लिए राष्ट्रीय प्रोजेक्ट टाइगर ऑथोरिटी से अतिरिक्त बजट प्राप्त होगा, जिससे क्षेत्र के गांवों में आजीविका विकास के नए-नए कार्य किए जा सकेंगे.

पर्यावरण को होगा लाभ
गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व का गठन न केवल स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करेगा बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और बाघों के संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. इस क्षेत्र में बाघों की संख्या में वृद्धि और उनके प्राकृतिक आवास की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. यह रिजर्व छत्तीसगढ़ के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.

जैव विविधताओं से है भरपूर
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान और तमोर पिंगला अभ्यारण्य छत्तीसगढ़ के समृद्ध जैव विविधता वाले क्षेत्र हैं. ये क्षेत्र विभिन्न वनस्पतियों और जीवों का घर हैं, जो उन्हें पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाते हैं. इस नए टाइगर रिजर्व में विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों के संरक्षण के साथ-साथ इको-पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे राज्य के पर्यटन क्षेत्र में भी वृद्धि होगी.

ऐसे होगा विकास
मंत्रिपरिषद ने वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को निर्देश दिया है कि वह टाइगर रिजर्व के गठन की प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करें. साथ ही, राष्ट्रीय प्रोजेक्ट टाइगर ऑथोरिटी के सहयोग से क्षेत्र में विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जाए, ताकि स्थानीय समुदायों को अधिकतम लाभ मिल सके.

छत्तीसगढ़ कैबिनेट मीटिंग ये महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए

1. गुड गवर्नेंस और कन्वर्जेंस विभाग की स्थापना- राज्य में प्रशासन को बेहतर बनाने और जनकल्याणकारी योजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिए "गुड गवर्नेंस और कन्वर्जेंस विभाग" की स्थापना का निर्णय लिया गया है. यह विभाग प्रशासनिक सुधार, नई नीतियों और नवाचारों को प्रोत्साहित करेगा. डिजिटल गवर्नेंस को बढ़ावा देकर प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी.

2. कृषक उन्नति योजना- कैबिनेट ने कृषक उन्नति योजना को मंजूरी दी, जिसके तहत किसानों को 19,257 रुपये प्रति एकड़ की सहायता दी जाएगी. इस योजना का उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करना और कृषि को प्रोत्साहित किया जाएगा.

3. राजीव नगर हाउसिंग स्कीम अब अटल विहार- राजीव नगर हाउसिंग स्कीम का नाम बदलकर "अटल विहार योजना" रखा गया है. यह निर्णय राज्य में आवास योजनाओं को नई पहचान और दिशा देने के उद्देश्य से लिया गया है.

4. संविदा कर्मचारियों के लिए छुट्टी- संविदा कर्मचारियों को 30 दिनों की आकस्मिक छुट्टी देने का  निर्णय लिया गया है.

5. राज्य नीति आयोग का गठन- राज्य में नीति निर्माण और योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए राज्य नीति आयोग का गठन किया जाएगा. यह आयोग विभिन्न क्षेत्रों में विकास योजनाओं और नीतियों की निगरानी करेगा.

6. विशेष जांच एजेंसी की स्थापना- कैबिनेट ने 185.80 करोड़ रुपये की लागत से एक विशेष जांच एजेंसी की स्थापना का निर्णय लिया है. यह एजेंसी राज्य में अपराधों की विशेष जांच करेगी और न्यायिक प्रक्रिया को सुदृढ़ करेगी.

7. राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020​- राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के कार्यान्वयन के लिए 15 सदस्यीय विशेष टास्क फोर्स गठित करने की सलाह दी. यह टास्क फोर्स नीति के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करेगी और उसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सुझाव देगी.

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