रायपुर। छत्तीसगढ़ में भारत पेट्रोलियम के पेट्रोल पंपों पर पेट्रोल नहीं पहुंच रहा है। हालांकि एचपी और रिलायंस के पेट्रोल पंपों का विकल्प होने की वजह से परेशानी उतनी अधिक नहीं है, मगर टैंकर मालिकों का दावा है कि उनसे जुड़े हजारों परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ गया है। दरअसल, बीपीसीएल एवं पेट्रोल टैंकर मालिकों के बीच चल रहे विवाद की वजह से 03 अक्टूबर से हड़ताल पर है।
बता दे कि, अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है। पेट्रोल टैंकर मालिकों की बात कई बार कंपनी से हुई, मगर कोई हल नहीं निकला है। अब पेट्रोल टैंकर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर इस मामले में दखल देने की मांग करने की तैयारी में है। छतीसगढ़ पेट्रोलियम टैंकर मालिक एसोसिएशन के अध्यक्ष विनोद उपाध्याय ने कहा कि, जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
ये है प्रमुख मांग
टैंकर एसोसिएशन अध्यक्ष विनोद उपाध्यय ने बताया कि BPCL ने नए टेंडर में टैंकरों से पेट्रोल लाने और ले जाने के काम का वर्तमान रेट से 30 प्रतिशत कम कर दिया है। जिससे टेंकर मालिकों को नुकसान हो रहा है। बढ़ते डीजल के दामों के हिसाब से रेट में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी होनी चाहिए थी। जबकि नए टेंडर में कटौती कर दी गई है। टैंकर मालिक इस रेट को बढ़ाने की मांग कर रहे है।
डीजल-पेट्रोल की सप्लाई हुई ठप
जानकारी के अनुसार, 250 टैंकर्स के जरिए हर दिन प्रदेश में 50 लाख लीटर पेट्रोल की सप्लाई होती थी। ये 03 अक्टूबर से ठप पड़ी है। कई पेट्रोल पंप पर स्टॉक भी नहीं है। कुछ के पास 10 से 15 दिन का स्टॉक है उसी से काम चल रहा है। पहले 250 टैकरों से पेट्रोल सप्लाई होती थी। नए टेंडर में केवल 109 टैंकर की अनुमति है। बची हुई 141 गाड़ियों को खड़ा करने का संकट है। इससे इन टैकरों को चलाने वाले ड्रायवर, कंडक्टर भी बेरोजगार होंगे, उनके परिवारों का क्या होगा इस पर कोई जवाब किसी के पास नहीं है।
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