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Low Quality Chickpeas Case: विधानसभा में घुन लगे चने लेकर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत, जानें क्या है मामला

 Newsbaji  |  Jul 24, 2024 01:35 PM  | 
Last Updated : Jul 24, 2024 01:35 PM
छत्तीसगढ़ विधानसभा में घुन लगे चने का पैकेट लेकर पहुंचे डॉ. महंत.
छत्तीसगढ़ विधानसभा में घुन लगे चने का पैकेट लेकर पहुंचे डॉ. महंत.

रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को एक अनोखा दृश्य देखने को मिला जब नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत सदन में घुन लगे चने का पैकेट लेकर पहुंचे. उन्होंने इसे जनता के बीच वितरित किए जा रहे घटिया गुणवत्ता के चने के खिलाफ एक प्रमाण के रूप में पेश किया.

इसे जानवर तक नहीं खा सकते

सदन में बोलते हुए, डॉ. महंत ने कहा, "जिस चना को जानवर तक नहीं खा सकते, उसे जनता में बांटा गया है." उन्होंने यह सवाल उठाया कि ऐसी स्थिति में सरकार की जिम्मेदारी क्या है और वह कैसे सुनिश्चित करेगी कि जनता को गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री मिले.

मंत्री का जवाब

गृहमंत्री विजय शर्मा ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि उन्हें ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है. डॉ. महंत ने तर्क दिया कि वह स्वयं चने का पैकेट लेकर आए हैं और इसे सदन में पेश कर रहे हैं. उन्होंने पूछा, "क्या इसकी जांच कराई जाएगी? इसमें नेफेड का लोगो भी नहीं लगा है और यह घुन लगा हुआ है. सरकार यह बताने में विफल रही है कि यह चना कैसे और किस कंपनी से आया है. यह घटिया चना जनता के बीच कैसे पहुंचा?"

दिया आश्वासन

गृहमंत्री ने कहा, "आप चना का पैकेट दे दीजिए. माननीय सदस्य की मांग पर हम इसकी जांच कराएंगे." उन्होंने यह भी कहा कि अगर जांच में कोई खामी पाई जाती है तो संबंधित अधिकारियों और सप्लायरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

चना सप्लाई का ये है मामला

जनता के बीच वितरित किए जा रहे चने की गुणवत्ता को लेकर पहले भी सवाल उठ चुके हैं. कई बार यह देखा गया है कि सरकारी योजनाओं के तहत वितरित किए जा रहे खाद्य सामग्री की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं होती. यह मामला फिर से सरकार की खाद्य वितरण प्रणाली पर सवाल खड़ा करता है.

पूर्व में भी लगे आरोप

यह पहली बार नहीं है जब छत्तीसगढ़ में खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए गए हैं. इससे पहले भी कई बार राशन वितरण में खराब गुणवत्ता के आरोप लगे हैं. सरकार ने तब भी जांच कराने की बात कही थी, लेकिन परिणामस्वरूप क्या कार्रवाई हुई, यह स्पष्ट नहीं हो पाया.

नेफेड का नाम गायब

डॉ. महंत ने चने के पैकेट पर नेफेड (नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) का लोगो न होने पर सवाल उठाए. नेफेड का लोगो खाद्य सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने का एक संकेत होता है, लेकिन इस पैकेट पर इसका न होना एक गंभीर मसला है.

सामने आई तीखी प्रतिक्रिया

विधानसभा में इस मुद्दे पर जोरदार चर्चा हुई. विपक्षी दलों ने सरकार की नीतियों और वितरण प्रणाली पर कड़े सवाल उठाए. उन्होंने यह मांग की कि सरकार तुरंत इस मामले की जांच कराए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे. इस मामले ने एक बार फिर से यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी योजनाओं के तहत वितरित किए जा रहे खाद्य सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत द्वारा उठाए गए इस मुद्दे ने विधानसभा में सरकार की खाद्य वितरण प्रणाली की खामियों को उजागर किया है. अब यह देखना बाकी है कि सरकार इस मुद्दे पर क्या कार्रवाई करती है.

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