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तालाब में कंधे पर बैठी थी बेटी और धंस गया पिता का पैर, दो मासूमों के सामने हुई दोनों की जलसमाधि

 Newsbaji  |  Apr 14, 2023 12:23 PM  | 
Last Updated : Apr 14, 2023 12:30 PM
सरगुजा जिले में पिता और बेटी तालाब में डूब गए.
सरगुजा जिले में पिता और बेटी तालाब में डूब गए.

अंबिकापुर. पत्नी के घर छोड़कर जाने के बाद चार बच्चों को पाल रहे पिता अपने तीन बच्चों को लेकर तालाब मछली पकड़ने गए थे. दो बच्चे तालाब के किनारे खड़े थे और सबसे छोटी बेटी को अपने कंधे पर बैठाकर तालाब पार कर रहे थे. अचानक कीचड़ में पैर धंस गया. दोनों बच्चे चिल्लाते रह गए और उनकी आंखों के सामने उनके पिता और बहन की जलसमाधि हो गई. मामला छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के उदयपुर क्षेत्र का है. एसडीआरएफ की टीम ने दोनों का शव निकाल लिया है.

उदयपुर थाना क्षेत्र के ग्राम जरहाडीह निवासी रामू राम का घर तालाब के पास ही है. गुरुवार की दोपहर वह अपने तीन बच्चों को साथ लेकर मछली पकड़ने तालाब में गया हुआ था. करीब एक किलो मछली पकड़ने के बाद वह घर लौट रहा था. दरअसल, मछली पकड़ने के बाद वे तालाब के जिस हिस्से में खड़े थे, घर जाने का रास्ता दूसरी ओर था.

ऐसे में उसने अपनी एक बेटी और बेटे को तालाब के किनारे-किनारे जाने को कहा और छोटी बेटी काशी को अपने कंधे पर बैठा लिया. दोनों बच्चे तालाब की मेढ़ पर जाने लगे और रामू काशी को कंधे पर बैठाए हुए तालाब को पैदल पार करने लगा. जैसे ही वह तालाब के बीच में पहुंचा, उसका पैर कीचड़ में धंसने लगा. ये बात दोनों बच्चों को भी बताई.

मौके पर मदद के लिए वहां कोई नहीं था. बच्चे चिल्लाते रह गए और रामू व काशी दोनों तालाब में समा गए. इसके बाद दोनों बच्चों ने भागकर आसपास के लोगों को बुलाया. उन्हाेंने पानी में तलाश की, लेकिन कामयाब नहीं हुए. तब पुलिस को इसकी सूचना दी गई. पुलिस की टीम गोताखारों को लेकर पहुंची. लेकिन, दोनों शव नहीं मिले.

एसडीआरएफ ने सुबह निकाला शव
बाद में पुलिस ने एसडीआरएफ की टीम को भी बुला लिया. ऐसे में गांववालों के साथ मिलकर देर शाम तक टीम ने शवों की तलाश की, लेकिन उनके नहीं मिलने पर ऑपरेशन को बंद कर दिया. शुक्रवार की सुबह एक बार फिर प्रयास किया गया तो रामू और उसकी छोटी बेटी काशी का शव मिल गया. पुलिस ने दोनों शवों को पीएम के लिए भिजवाया.

अब नाबालिग के कंधे पर दो भाई-बहनों की जिम्मेदारी
गांववालों ने बताया कि रामू की पत्नी के छोड़कर चले जाने के बाद रामू ही चारों बच्चों को संभाल रहा था. वहीं उसका बड़ा बेटा जो नाबालिग ही है, वह एक ईंट भट्ठे में काम करने गया है. अब उस नाबालिग बड़े भाई के कंधे पर ही दो भाई-बहनों की जिम्मेदारी भी आ गई है.

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