रायपुर. छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में आज एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा. एसीबी की टीम मुख्यालय से चालान और संबंधित दस्तावेज लेकर कोर्ट पहुंची है. खास ये कि दस्तावेज 2 दर्जन से ज्यादा गट्ठों में हैं. इनमें जरूरी सबूत हैं, जिन्हें आरोपियों के कब्जे से जब्त किए गए हैं.
बता दें कि शराब घोटाला मामले में 17 जनवरी 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा मिली जानकारी के आधार पर एसीबी ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी. दरअसल, ईडी ने आरोप लगाया कि इस घोटाले में 2,161 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है.
इसमें से 776 करोड़ रुपये घोटाले के मुख्य आरोपी अनवर ढेबर ने इकट्ठा किए. इस मामले में एसीबी ने आबकारी विभाग के पूर्व विशेष सचिव एपी त्रिपाठी सहित कई अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. भिलाई के बड़े शराब कारोबारी समेत अन्य व्यक्तियों को भी एसीबी ने हिरासत में लिया.
शराब घोटाले में आईएएस निरंजनदास, अनिल टूटेजा, उनके पुत्र यश टूटेजा, एपी त्रिपाठी, विवेक ढांड और तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम भी शामिल है. अनवर ढेबर, अरविंद सिंह, और विजय भाटिया समेत एक दर्जन से ज्यादा आबकारी विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी इस मामले में आरोपी हैं.
ईडी ने इस मामले की जांच के दौरान बड़ी रकम की बरामदगी की है. ईओडब्ल्यू और एसीबी ने विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर 19 लाख रुपये नगद, लैपटॉप, पेन ड्राइव, बैंक स्टेटमेंट, चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज, करोड़ों रुपये के गहने और निवेश दस्तावेज जब्त किए हैं.
एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीम ने भिलाई, दुर्ग, बिलासपुर और रायपुर में कुल 21 ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान, उन्होंने आबकारी विभाग के पूर्व सचिव एपी त्रिपाठी को बिहार के गोपालगंज से गिरफ्तार किया.
एसीबी और ईओडब्ल्यू ने मामले की जांच में तेजी लाते हुए कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत जुटाए हैं, जिनसे आरोपियों के खिलाफ मजबूत केस बनाने में मदद मिलेगी. छत्तीसगढ़ में यह घोटाला पिछले कुछ वर्षों से चर्चा में है और नए मोड़ आने की संभावना है.
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