छत्तीसगढ़ विधानसभा में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की महिला विधायक छन्नी साहू ने वन मंत्री मोहम्मद अकबर से अवैध रेत परिवहन के दर्ज प्रकरण की जानकारी मांगी। दो दिन पहले ही कांग्रेस विधायक छन्नी साहू ने ने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से पूछा था कि क्यों मेरे पति के खिलाफ झूठी शिकायत पर एट्रोसिटी एक्ट का अपराध दर्ज किया गया है। साथ ही उन्होंने दावा किया था कि उनके पति को उनके क्षेत्र में अवैध रेत खनन के खिलाफ आवाज उठाने के बाद झूठे आरोपों में गिरफ्तार किया गया।
सदन में अपनी ही पार्टी के विधायक के सवालों से घिरे मंत्री
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि खुज्जी विधानसभा क्षेत्र में 01 प्रकरण दर्ज किया गया है। भारतीय वन अधिनियम 1927 के तहत कार्रवाई करते हुए 10 हजार रूपए मुआवजा की राशि भी ली गई है। जिसके बाद सत्ताधारी विधायक छन्नी साहू ने दूसरे सवाल में फिर वन मंत्री को घेरते हुए कहा कि एक अन्य मामले में अवैध रेत परिवहन करती गाड़ी तीन दिनों तक खड़ी रहने के बाद भी कार्रवाई नहीं की गई। जबकि पूरे मामले की शिकायत भी की गई। उसके बाद प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने भी सदन में मंत्री को जमकर घेरा। भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि विधायक की शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है, आखिर किसका संरक्षण प्राप्त हो रहा है। पूरे मामले में मंत्री सदन में सत्तापक्ष व विपक्ष के विधायकों ने घेर दिया। फिर आखिर में विधानसभा अध्यक्ष डा0 चरणदास महंत ने मंत्री को जांच कराने को कहना पड़ा।
महिला विधायक ने लौटा दी है अपनी सुरक्षा
विधानसभा की पिछली बैठक में प्रश्नकाल के समय में राजनांदगांव जिले के खुज्जी विधानसभा क्षेत्र की विधायक छन्नी साहू ने विधानसभा अध्यक्ष से पूछा था कि क्या अध्यक्ष महोदय अपने सदन की इस सदस्य से यह नहीं जानना चाहेंगे कि उसने पिछले एक माह से अपनी सुरक्षा क्यों लौटा दी है और वह किस तरह अपने विधानसभा क्षेत्र के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बिना कोई सुरक्षा के अकेले भ्रमण कर कार्यक्रमों में शामिल हो रही हैं।
साहू ने सदन में कहा था, मैं गृहमंत्री जी से यह पूछना व जानना चाहती हूं कि कैसे झूठी शिकायत पर दर्जन भर पुलिस जवानों की उपस्थिति तथा मेरे स्वयं घटनास्थल पर मौजूदगी के बाद भी मेरे पति के खिलाफ-गाली गलौज, जान से मारने की धमकी और एट्रोसिटी एक्ट का जुर्म पंजीबद्ध कर लिया गया।
सदन ने मामले में फिर से जांच के निर्देश दिए
महिला विधायक ने यह भी कहा था कि, मैं अपने पति के खिलाफ अपराध दर्ज होने से विचलित नहीं हुई हूं। मुझे केवल इस बात का दुःख है कि झूठी शिकायत पर बिना जांच और नोटिस के जुर्म पंजीबद्ध कर लिया गया है। विधायक ने इस दौरान पुलिस पर दोषियों को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया था। फिर विधानसभा अध्यक्ष ने राज्य के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से विधायक के पति के खिलाफ दर्ज मामले की फिर से जांच कराने के लिए कहा था।
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