रायपुर. CG Unemployment Allowance: छत्तीसगढ़ विधानसभा के प्रश्नकाल में गुरुवार को एक बार फिर रोजगार और बेरोजगारी भत्ते का मामला गूंजा है. पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने प्रदेश में बेरोजगारी की परिभाषा ही पूछ ली और CMIE (Centre for Monitoring Indian Economy) के बेरोजगारी के आंकड़े पर सवाल उठाया. मंत्री उमेश पटेल के बेरोजगारी दर के आधार पर बेरोजगारों की संख्या बताना संभव नहीं है कहने पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने उन्हें नसीहत दी. कहा कि पंजीयन कार्यालय यदि आंकड़े देने में नाकाम हैं तो उन्हें दुरुस्त कराइए.
चंद्राकर के सवाल पर जवाब देते हुए विभागीय मंत्री उमेश पटेल ने पहले तो बताया कि रोजगार कार्यालयों में 7 फरवरी 2023 तक 18 लाख 78 हजार 126 बेरोजगार पंजीकृत हैं. CMIE बेरोजगारी का प्रतिशत ही बताता है. छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर 0.5%. के आधार पर बेरोजगारों की संख्या बताना संभव नहीं है. इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि ये तो पता होना चाहिए कि कौन बेरोजगार है? पंजीयन कार्यालय अगर इस लायक नहीं कि वो रोजगार पाने वाले और बेरोजगार की जानकारी न दे पाए तो उसे दुरुस्त करिए.
इसलिए नहीं मिलती पूरी जानकारी
मंत्री उमेश पटेल ने इस पर कहा कि रोजगार कार्यालय में आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है. इसी के चलते बेरोजगारों को लेकर पूरी जानकारी नहीं मिल पाती. इससे हम वेरीफाई नहीं कर पाते क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का इस संबंध में आदेश है. तब बीजेपी विधायक चंद्राकर ने पूछा कि ऐसे में बेरोजगारी भत्ता के लिए कैसे तय होगा कि कौन बेरोजगार है? इसकी क्या परिभाषा है.
भत्ते के लिए 5 बिंदु तय
मंत्री उमेश पटेल ने इस पर जवाब देते हुए बताया कि बेरोजगारी भत्ता देने के लिए हमने अलग-अलग 5 बिंदु पर क्राइटेरिया तय किया हुआ है और बेरोजगारों से फॉर्म भरवा रहे हैं. हम क्राइटेरिया के मुताबिक बेरोजगारी भत्ता देंगे.
निजी संस्था के आंकड़े पर बवाल
मंत्री अमरजीत भगत की ओर से अजय चंद्राकर के पूछे जाने वाले अनुपूरक सवाल पर आपत्ति दर्ज करने पर विधानसभा अध्यक्ष ने गंभीर टिप्पणी की. कहा कि प्रदेश के बेरोजगारों से जुड़ा मसला है, 2 या 3 या 4 कितने अनुपूरक की अनुमति देनी है ये हमें तय करने दीजिए. तब मंत्री पटेल ने कहा कि मोदी सरकार आने के बाद बेरोजगारी पर केंद्र सरकार की ओर से आने वाला सरकारी आंकड़ा बंद हो गया है. इसलिए हमें निजी संस्था के आंकड़े मानने पड़ते हैं. तब चंद्राकर बोले- प्रदेश सरकार ने निजी संस्था को मान्यता नहीं दी है, लेकिन उसे लाभ दिया जा रहा है. इसे लेकर एक बार फिर पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोंकझोंक हुई.
सीएम को देनी पड़ी दखल
इस बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमें आधार तो कहीं न कहीं लेना ही पड़ेगा. हम जिस सर्वे को मान रहे हैं उसे पूरी दुनिया मान रही है. बीजेपी को तो गर्व करना चाहिए कि सबसे कम बेरोजगारी है. इस पर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि ये गंभीर विषय है, इसमें भारत सरकार कहां से आ गया. तब बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि प्रायोजित सर्वे कराया जाता है. नेता प्रतिपक्ष फिर बोले कि क्या रोजगार पंजीयन का आंकड़ा सही नहीं है? सरकार की ओर से घुमा-फिराकर बात की जा रही है.
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