भिलाई. छत्तीसगढ़ के स्कूली खिलाड़ियों का चयन नेशनल गेम में होता है, लेकिन जिम्मेदार ऐसे प्लेयर्स के साथ ही क्या सलूक करते हैं इसका अंदाजा ताजा मामले से लगाया जा सकता है. नेशनल स्कूल गेम्स के लिए दिल्ली गए जिमनास्ट प्लेयर्स की वापसी के लिए रिजर्वेशन ही नहीं कराया गया था. लिहाजा उन्हें ट्रेन की बोगी में टायलेट और गेट के बीच की जगह पर और इधर-उधर बैठकर व सोते हुए सफर करना पड़ा. पूरे मामले की शिकायत अभिभावकों ने डीईओ से की है. साथ ही दोष्ज्ञियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
शिकायत करने वाले अभिभावकों ने बाकायदा फोटोग्राफ्स भी सौंपे हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि बच्चे किन परिस्थितियों में ट्रेन में सफर कर रहे हैं. इस संबंध में अभिभावक भिलाई निवासी बलजीत सिंह का कहना है कि उनकी बेटी समेत क्षेत्र के करीब 5 बच्चे शालेय राष्ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए बीते 14 दिसंबर को दिल्ली गए थे. इसमें भिलाई के अलावा बालोद समेत अन्य जिलों के स्टूडेंट्स शामिल थे. उन सभी को अव्यवस्था का सामना करना पड़ा है.
ठहरने की भी नहीं थी व्यवस्था
इस संबंध में बताया गया है कि वापसी के दौरान ही बच्चे मुसीबत में फंसे हो ऐसा भी नहीं है. दिल्ली में भी उनके ठहरने और भोजन-पानी की व्यवस्था ठीक नहीं थी. जहां बच्चों को ठहराया गया था वह इलाका भी ठीक नहीं था. साथ ही वहां भोजन और पानी की व्यवस्था भी दोयम दर्जे की थी.
रिजर्वेशन पर नहीं दिया ध्यान
बताया गया है कि बच्चों का रिजर्वेशन कन्फर्म नहीं हो पाया, इसलिए उन्हें परेशान होना पड़ा. जबकि बच्चों को इतने लंबे सफर पर ले जाते वक्त ही इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए था. अभिभावकों का आरोप है कि जब सब कुछ तय योजना के अनुसार हुआ है तो टिकट भी उसी के अनुरूप कराना चाहिए था. बच्चों को जिस तरीके से ट्रेन में सफर करना पड़ा है वह खतरनाक भी हो सकता था.
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