रायपुर. छत्तीसगढ़ के 3 शहरों रायपुर, नवा रायपुर और बिलासपुर को जब स्मार्ट सिटी योजना के तहत 2018 में चयन किया गया था. तब उम्मीद की जा रही थी कि तेजी से काम होंगे और तीनों शहर स्मार्ट सिटी के रूप में डेवलप हो जाएंगे. लेकिन, टेंडर प्रक्रिया और काम कराने में ऐसी लेटलतीफी हुई कि अब तीनों जगहों के 118 प्रोजेक्ट पर बंद होने या फंड लैप्स हो जाने का खतरा मंडराने लगा है. इनमें से कुछ का काम सालों से अधूरा पड़ा है तो कुछ का काम शुरू ही नहीं हो पाया है.
बता दें कि रायपुर में स्मार्ट सिटी योजना के तहत कई कामों को मंजूरी दी गई. कुछ पर काम शुरू भी कराया गया. कुछ काम पूरी तरह से हो चुके हैं. लेकिन, अभी भी कई काम 5 साल बीत जाने के बाद भी या तो अधूरे हैं या अभी टेंडर प्रक्रिया और कार्य स्वीकृति के स्तर पर ही अटके हैं. रायपुर में ही बूढ़ातालाब के पास क्रूज रेस्टोरेंट का काम अधूरा पड़ा है. बिलासपुर में पाथवे और साइकिल ट्रैक का काम नहीं हो पाया है. इस तरह अधूरे प्रोजेक्ट की संख्या ही तीनों शहरों में 118 की संख्या में हैं. इन्हें कुल 1700 करोड़ रुपये में कराना है.
केंद्र लगातार बढ़ा रही मियाद
जहां तक केंद्र सरकार की बात है तो उनकी ओर से काम अधूरा रहने या शुरू नहीं होने के कारणों की पड़ताल लगातार की जाती रही है. हर बार इसकी टाइमलाइन बढ़ाई जाती रही. लेकिन, अब जून 2024 की अंतिम मुहलत दी गई है. इसके बाद राशि लैप्स करने की बात कही गई है.
लोगों को मिलती सुविधाएं
बिलासपुर में कलेक्टोरेट के पास मल्टीलेवल पार्किंग ही बनकर तैयार है. वहीं स्मार्ट ट्रैफिक एंड कमांड सेंटर के साथ ही 2 स्मार्ट सड़कों का काम पूरा हो चुका है. इसके अलावा 2 और मल्टीलेवल पार्किंग का काम अधूरा ही है. साइकिल ट्रैक और पाथवे निर्माण भी अधूरा ही है. इन सबका काम तय समय में पूरा हो चुका होता तो शहरवासियों को इसका लाभ मिलता. लेकिन, इस ओर ध्यान ही नहीं दिया गया. लिहाजा इनके लाभ से शहरवासी भी वंचित ही हैं.
ये हैं आंकड़े
भिलाई की स्मृति नगर चौकी पर पथराव, पुलिस ने 14 लोगों पर दर्ज किया मामला
शबरी पार छत्तीसगढ़ दाखिल हो रहे नक्सली का एनकाउंटर, एक जवान भी घायल
Copyright © 2021 Newsbaji || Website Design by Ayodhya Webosoft