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छत्तीसगढ़ के MLA कैंडिडेट के खर्चों पर CEMS रखेगा नजर, शराब या नकदी बांटने में लुटाया तो खैर नहीं

 Newsbaji  |  Aug 31, 2023 01:40 PM  | 
Last Updated : Aug 31, 2023 01:42 PM
निर्वाचन आयोग अब उम्मीदवारों के वैध-अवैध खर्च पर सॉफ्टवेयर से निगरानी करेगा.
निर्वाचन आयोग अब उम्मीदवारों के वैध-अवैध खर्च पर सॉफ्टवेयर से निगरानी करेगा.

रायपुर. छत्तीसगढ़ में होने जा रहे विधानसभा चुनाव 2023 को भारत निर्वाचन आयोग पुख्ता तैयारियों के साथ संपन्न कराने जा रहा है. मानव बल के साथ ऑनलाइन व कम्प्यूटर आधारित मशीनरी का भी भरपूर इस्तेमाल किया जाएगा. इसी के तहत इस बार कैंडिडेट एक्सपेंडीचर मॉनिटरिंग सिस्टम यानी सीईएमएस (CEMS) भी बड़ी भूमिका निभाएगा जो उम्मीदवारों के खर्चों पर नजर रखेगा. अवैध खर्च बिना बताए जुड़ जाएंगे. खास ये कि इसे तैयार व अपडेट करने की जिम्मेदारी पश्चिम बंगाल के निर्वाचन पदाधिकारी को मिली है.

आपको बता दें कि CEMS एक ऑनलाइन सॉफ्टवेयर इसके जरिए उम्मीदवारों द्वारा चुनाव में किए जा रहे खर्च की सख्ती से निगरानी रखी जाएगी. इस सॉफ्टवेयर से पहले तक जिला निर्वाचन अधिकारी को उम्मीदवारों द्वारा खर्च का ब्यौरा देना रहता था. लेकिन, इस सॉफ्टवेयर के आने से इसमें सहूलियत हो जाएगी. इसके अलावा इसमें कहीं अधिक निगरानी होने के अलावा डिज‍िटल सिस्टम होने से डाटा मैनेजमेंट में भी आसानी होगी.

ऐसे करेगा काम
इस खास साफ्टवेयर में हर प्रकार के खर्च की जानकारी के लिए अलग-अलग कालम रहेंगे. उनमें उम्मीदवार खर्च के ब्यौरे दर्ज करेंगे जो आयोग के अफसरों के माध्यम से वेरीफाइड होने के बाद अंतिम रूप से दर्ज हो जाएंगे. मजे की बात ये कि प्रत्येक प्रत्याशी के हर दिन के वैध वअवैध खर्च का डैशबोर्ड तैयार होता रहेगा. इसके चलते जिला निर्वाचन अधिकारी से लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग स्तर तक इसकी सतत मॉनिटरिंग होती रहेगी.

अवैध खर्च पर ऐसे नजर
विशेष सॉफ्टवेयर में वैध के अलावा अवैध खर्च का कॉलम भी रहेगा. वैध खर्च में तो उम्मीदवारों द्वारा दी गई जानकारियों को दर्ज किया जाता रहेगा. वहीं अवैध खर्च वे होंगे जो उम्मीदवार द्वारा शराब या नकदी बांटने में किया गया व्यय किया जाएगा. इसकी जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी को पुलिस, प्रशासन व निगरानी टीमों के जरिए जैसे ही मिलेगी, वे संबंधित उम्मीदवार के अवैध खर्च वाले कॉलम में उसे दर्ज कर देंगे.

प. बंगाल के पदाधिकारी को जिम्मा इसलिए
आपको बता दें कि पिछले दिनों पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ था. यहां मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के निर्देशन व निगरानी में संपूर्ण व्यवस्था संभाली गई थी. लिहाजा वे अपने अनुभव के आधार पर सॉफ्टवेयर को बेहतर ढंग से तैयार करा सकेंगे. इसी को ध्यान में रखते हुए आयोग ने कैंडीडेट एक्सपेंडीचर मानीटरिंग सिस्टम साफ्टवेयर को तैयार करने की जिम्मेदारी उन्हें दी है.

यहां भी होगा लागू
यह व्यवस्था छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तो है ही. इसके साथ-साथ 4 अन्य राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनाव में भी इसी सॉफ्टवेयर के जरिए उम्मीदवारों के खर्चों की मॉनिटरिंग आयोग द्वारा की जाएगी.

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