बिलासपुर. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रदेश में हुए शराब घोटाले के मामले में आबकारी अफसर रहे एपी यानी अरुणपति त्रिपाठी को सशर्त जमानत दे दी है। उन्हें दूसरी बार में ये कामयाबी मिली है.
बता दें कि एपी के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने आइएएस अनिल टुटेजा और राज्य प्रशासनिक अधिकारी सौम्या चौरसिया के साथ मिलकर शराब घोटाले को अंजाम दिया है. एक-दूसरे के साथ मिलीभगत करके छत्तीसगढ़ राज्य में रिश्वत, अवैध कमीशन और बेहिसाब धन आदि लिया गया और रिश्वत वसूली का काम उनकी ओर से अनवर ढेबर और उनके सहयोगियों द्वारा किया गया था. छत्तीसगढ़ में शराब की बिक्री सिंडिकेट की अवैध कमाई के प्रमुख स्रोतों में से एक थी.
इसमें अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, एमडी., सीएसएमसीएल (छत्तीसगढ़) शामिल थे. स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन लिमिटेड) व उनकी ओर से विकास अग्रवाल, अरविंद सिंह, संजय दीवान ने कार्य किया. प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) ने विधेय शिकायत और आयकर विभाग द्वारा साझा किए गए डेटा का विश्लेषण किया. दस्तावेजों के आधार पर राज्य में शराब की बिक्री और लाइसेंसिंग में अवैध कमीशन कमाने के लिए सिंडिकेट द्वारा एक सुनियोजित व्यवस्थित साजिश को अंजाम दिया गया था.
इन शर्तों के साथ जमानत
हाईकोर्ट ने बीते छह अक्टूबर 2023 को एपी के जमानत आवेदन को खारिज कर दिया था. इसके बाद दूसरी बार जमानत के लिए याचिका दायर की गई. तब कोर्ट ने 25 हजार रुपये के निजी बांड और इतनी ही राशि की एक जमानत राशि प्रस्तुत करने पर जमानत पर रिहा करने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने ये भी कहा है कि ट्रायल कोर्ट में सुनवाई के दौरान उपस्थिति दर्ज करानी होगी.
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