रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा में बीजेपी विधायक दल ने विधानसभा अध्यक्ष के पटल पर राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पटल पर रख दिया है. इसमें कुल 109 बिंदुओं पर कांग्रेस सरकार के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं, जिनमें घोटालों की पूरी फेहरिस्त है. विस अध्यक्ष चरणदास महंत ने भी इसके लिए 2 दिनों का समय इसके लिए दे दिया है.
बता दें कि बीजेपी के अविश्वास प्रस्ताव में प्रमुख रूप से शराब घोटाला, कोयला परिवहन घोटाला, पीएससी में गड़बड़ी, डीएमएफ घोटाला, मनरेगा घोटाला, सीमेंट घोटाला, आत्मानंद स्कूल में घोटाला समेत कई बिंदु बनाए गए हैं. इस तरह पूरी सूची में 109 बिंदु हैं. इनके आधार पर ही सरकार पर आरोप लगाए जाएंगे. इसके बाद अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वोटिंग होगी.
ये होगा अविश्वास प्रस्ताव पर
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने अविश्वास प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए इसके लिए 2 दिन दिए हैं. यानी उन तय दो दिनों में बीजेपी विधायक सरकार के खिलाफ आरोप पत्र सदन में प्रस्तुत करेंगे. इसके बाद अलग-अलग सभी बिंदुओं पर चर्चा होगी. अंत में अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन और विरोध में वोटिंग होगी. नियम के मुताबिक यदि अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट ज्यादा हुए तो इस आधार पर सरकार गिर जाएगी. जबकि अविश्वास प्रस्ताव पास नहीं हुआ तो सरकार बनी रहेगी.
ये है संभावना
जिस तरह से बीजेपी की स्थिति इस विधानसभा में कमजोर है, आरोप कितने भी मजबूत क्यों न हो, इस वक्त उनके पास महज 14 विधायक हैं. अन्य दलों के विधायकों को मिला दिया जाए तो भी सरकार को डिगाना फिलहाल के लिए असंभव सा है. ऐसे में इसे महज खानापूर्ति माना जा सकता है.
ये होगा असर
अविश्वास प्रस्ताव भले ही गिर जाए, लेकिन बीजेपी अपने आरोप-पत्र की बीना पर इतने बड़े प्लेटफार्म में सरकार के खिलाफ एक के बाद एक आरोप लगाएगी. उन पर चर्चा होगी. सरकार को घेरने का प्रयास होगा. इसे प्रदेश की मीडिया कवर करेगी और जन-जन तक ये बात पहुंचेगी. साफ है, इसका असर तो लोगों पर होगा ही. ऐसे में बीजेपी के इस अविश्वास प्रस्ताव को उनके दूरगामी परिणाम के परिप्रेक्ष्य में ही देखा जा रहा है.
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