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CG EOW in Action: निलंबित IAS रानू साहू, समीर बिश्नोई व निलंबित राप्रसे अफसर सौम्या के खिलाफ FIR

 Newsbaji  |  Jul 08, 2024 11:37 AM  | 
Last Updated : Jul 08, 2024 11:37 AM
ईओडब्ल्यू-एसीबी ने एफआईआर दर्ज की है.
ईओडब्ल्यू-एसीबी ने एफआईआर दर्ज की है.

रायपुर. छत्तीसगढ़ में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो) और एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) ने तीन नई एफआईआर दर्ज की हैं. निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, समीर बिश्नोई और निलंबित राप्रसे अधिकारी सौम्या चौरसिया के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। तीनों के खिलाफ अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं.

ईओडब्ल्यू की जांच में पाया गया कि सौम्या चौरसिया और उनके परिवार के नाम पर 9 करोड़ 20 लाख रुपए की 29 अचल संपत्तियां हैं, जो वर्ष 2021 से 2022 के बीच खरीदी गईं. रानू साहू पर वर्ष 2015 से 2022 तक करीब चार करोड़ रुपए की अचल संपत्ति स्वयं और अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम पर खरीदने का आरोप है.

उनके वेतन का आंकड़ा सेवा में आने के बाद से 2022 तक केवल 92 लाख रुपए है। समीर बिश्नोई का कुल वेतन वर्ष 2010 से 2022 तक 93 लाख रुपए था, लेकिन इस अवधि में उन्होंने अपनी पत्नी प्रीति गोधरा के नाम पर 5 करोड़ रुपए की कई अचल संपत्तियाँ खरीदीं, जो उनके वेतन का 500 गुना अधिक है.

कोयला घोटाला मामले में आया था नाम
बता दें कि छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाला हाल के वर्षों में एक प्रमुख मुद्दा रहा है. इस घोटाले में कोयला खदानों के आवंटन में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं. केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों पर कोयला खदानों के लाइसेंस और आवंटन में धांधली के आरोप लगे हैं, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ.

यह मामला तब सामने आया जब विभिन्न खदानों के आवंटन में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की शिकायतें सामने आईं. जांच में पाया गया कि अधिकारियों ने कोयला खदानों के आवंटन में अपने पद का दुरुपयोग किया और अवैध रूप से धन अर्जित किया. इस घोटाले में कई उच्च पदस्थ अधिकारियों और नेताओं के नाम शामिल हैं. इस घोटाले ने राज्य की राजनीति में भारी उथल-पुथल मचा दी और कई अधिकारियों को निलंबित या गिरफ्तार किया गया.

घोटाले की गंभीरता को देखते हुए जांच एजेंसियों ने कई छापेमारी की और संबंधित दस्तावेज़ों और संपत्तियों को जब्त किया. मामले की जांच अभी भी चल रही है. इन तीनों अफसरों का नाम भी इसमें सामने आया, जिसके बाद ईडी ने कार्रवाई की. इसी के साथ तीनों को अलग-अलग समयों में जेल भेजा गया. बाद में ईओडब्ल्यू-एसीबी ने भी इस मामले की जांच शुरू की है.

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