रायपुर. छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण का मतदान 17 नवंबर को होना है. ठीक इसी दिन छठ महापर्व की भी शुरुआत होनी है. लिहाजा मतदान की तिथि में बदलाव की मांग डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव और बीजेपी नेता व पूर्व मंत्री रामविचार नेताम पहले से कर चुके हैं. अब पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी ये मांग की है.
दरअसल, छत्तीसगढ़ में बड़ी संख्या में पूर्वांचल वासी अलग-अलग शहरों में निवास करते हैं. उनमें से कई इस महापर्व के लिए घर चले जाते हैं. जो नहीं जाते वे भी पर्व की तैयारियों में व्यस्त हो जाते हैं. महिलाएं व्रत की तैयारियों में जुटी रहती हैं. निर्वाचन कार्य में जुटे पूर्वांचलवासी अधिकारी-कर्मचारी भी प्रभावित होंगे. इन सबको देखते हुए ही राजनीतिक दलों के नेता चुनाव तिथि में बदलाव की मांग कर रहे हैं.
आम आदमी पार्टी की ओर से भी आयोग को चिट्ठी लिखी गई है. इसमें भी कहा गया है कि प्रदेश में 2 लाख से ज्यादा भोजपुरी समाज से हैं, जो महापर्व में शामिल होते हैं. इसके चलते मतदान पर भी बड़ा असर देखने को मिल सकता है. वहीं अब पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने भी आयोग से तिथि में बदलाव की मांग कर दी है.
असुविधा के साथ मतदान पर भी असर
तर्क दिया जा रहा है कि 17 नवंबर को ही मतदान होने पर एक ओर तो विशेषकर व्रत रखने वाली महिलाओं को इसके चलते दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. इसके साथ ही मतदान पर भी इसका बड़ा असर देखने को मिल सकता है. इस लिहाज से सभी दलाें के नेता तिथि में बदलाव की बात कह रहे हैं. बहरहाल आयोग की ओर से पुनर्विचार को लेकर अभी कोई सूचना नहीं है, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस पर बदलाव की कवायद हो सकती है.
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