बिलासपुर. ऑनलाइन सुनवाई से लेकर जेल में बंद आरोपियों, बाहर कामकाज के सिलसिले में फंसे फरियादी, गवाह या मामलों से संबद्ध व्यक्तियों की पेशी, बयान आदि के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट गंभीर हो गया है. यही वजह है कि इस काम को अंजाम देने के लिए प्रदेश के 17 जिलों में कुल 25 अफसरों की अलग से नियुक्ति की गई है. हालांकि अधिकांश दूसरे कामों के लिए पहले से नियुक्त थे, जिन्हें ये काम सौंपा गया है. इसमें सिस्टम अफसर और सिस्टम असिस्टेंट के पोस्ट पर नियुक्त किया गया है.
कोरोना काल ने दी दिशा
खास बात ये है कि कोरोना संक्रमण के दौर में कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुआ था. तब हाई कोर्ट से लेकर स्थानीय अदालतों तक के कामकाज पर असर हुआ. इसी दौरान ऑनलाइन सुनवाई और पेशी की भी शुरुआत की गई. इसके अच्छे परिणाम आने के बाद विपरीत परिस्थितियों में भी अब ऑनलाइन सुनवाई कारगर साबित हो रहा है. यही वजह है कि अब इस व्यवस्था को स्थायी करने की दिशा में सभी अदालतों में कदम आगे बढ़ाया गया है.
खतरों से मिली आजादी
एक वक्त था जब आए दिन खतरनाक अपराधियों को पुलिसकर्मी या जेल प्रहरी सुनवाई के लिए जेल से अदालत लेकर पहुंचते थे. तब अक्सर वे खुद को छुड़ाकर भाग निकलते थे. ऐसे में कई तरह की कार्रवाई प्रहरियों के खिलाफ की जाती थी. कई बड़ी वारदात या घटनाएं अपराधियों के भागने और उन्हें पकड़ने के प्रयास में हो जाती थी. अपराधियों के खुले में घूमने, फिर से वारदात करने जैसे खतरे गंभीर होते थे. अब इनका बयान जेल के अंदर से ही हो जाता है. तब उनके वकील भी जेल में बनाए गए विशेष कक्ष में बैठे रहते हैं.
इनकी हुई नियुक्ति
कर्मचारियों के नाम पदनाम वर्तमान पदस्थपना जिला एवं सत्र न्यायालय
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