रायपुर. छत्तीसगढ़ में कथित रूप से हुए कोयला घोटाले मामले में जेल में बंद छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर विशेष कोर्ट में सुनवाई समाप्त हो गई है. बचाव पक्ष ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कई तर्क प्रस्तुत किए है.
बचाव पक्ष ने अदालत में यह दावा किया कि पिछली न्यायिक रिमांड डेट पर EOW (आर्थिक अपराध विंग) द्वारा प्रस्तुत पत्र में खुद यह कहा गया था कि सौम्या चौरसिया को न्यायिक रिमांड में रखने की आवश्यकता नहीं है. इसके साथ ही, बचाव पक्ष ने बताया कि ED (प्रवर्तन निदेशालय) और EOW की एफआईआर में कहीं भी पद के दुरुपयोग की पुष्टि नहीं हुई है.
बचाव पक्ष ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि हाल ही में एक युवक को कश्मीर में प्रधानमंत्री के करीब घूमने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन प्रधानमंत्री को नहीं. इस उदाहरण का हवाला देते हुए बचाव पक्ष ने तर्क दिया कि पद का दुरुपयोग करने के आरोप में सौम्या चौरसिया को दोषी नहीं ठहराया जा सकता.
इसके अलावा, बचाव पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के कई फैसलों का उल्लेख करते हुए जमानत का लाभ देने का अनुरोध किया. बचाव पक्ष की ओर से बिलासपुर हाई कोर्ट के वकील हर्षवर्धन परघनिया और फैसल रिजवी ने दलीलें प्रस्तुत कीं. ACB (आर्थिक अपराध शाखा) और EOW की ओर से डॉ. सौरभ कुमार पांडे ने पक्ष रखा. दोनों पक्षों के बीच लगभग एक घंटे तक बहस चली.
ACB और EOW ने सौम्या चौरसिया के खिलाफ ठोस सबूत होने का दावा किया और उन्हें जमानत न देने की अपील की. उन्होंने बताया कि सौम्या चौरसिया के खिलाफ गंभीर आरोप हैं और उन्हें जमानत पर रिहा करने से मामले की जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, विशेष कोर्ट ने सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
सौम्या चौरसिया पर कोयला घोटाले में शामिल होने और अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप है. यह मामला काफी संवेदनशील है और इस पर राज्यभर की नजरें टिकी हुई हैं. कोयला घोटाले का यह मामला छत्तीसगढ़ में चर्चा का विषय बना हुआ है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया को इस मामले में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. आरोप है कि सौम्या चौरसिया ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कोयला खदानों के आवंटन में अनियमितताएं की हैं. इस मामले की जांच में कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं और कई अन्य अधिकारियों के नाम भी सामने आए हैं.
विशेष कोर्ट द्वारा फैसला सुरक्षित रखे जाने के बाद, सभी की निगाहें अब अदालत के फैसले पर टिकी हुई हैं. अगर सौम्या चौरसिया को जमानत मिलती है, तो यह राज्य के राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में बड़ा बदलाव ला सकती है. फैसला आने तक सौम्या चौरसिया जेल में रहेंगी और उनके मामले की सुनवाई जारी रहेगी. ACB और EOW द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई निर्धारित की जाएगी.
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