भिलाई. बीजेपी के दुर्ग संभाग से जुड़े दिग्गज पदाधिकारियों की गोपनीय बैठक सोमवार को भिलाई के सेक्टर 4 स्थित वनवासी कल्याण आश्रम में हुई. इसमें पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के साथ ही संगठन से जुड़े नेता शामिल हुए. चर्चा का विषय संभाग की अधिकांश विधानसभा सीटों पर काबिज कांग्रेसियों को पटखनी देने और रुठे हुए पदाधिकारी-कार्यकर्ताओं को मनाते हुए गुटबाजी समाप्त करने और विधानसभा चुनाव में वापसी पर खास रणनीति बनाई गई.
बता दें कि दुर्ग संभाग की महज 2 सीटों पर ही बीजेपी से विधायक हैं. इनमें से राजनांदगांव में खुद पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह तो दूसरे पर हाल ही में दिवंगत हुए स्व. विद्यारतन भसीन वैशालीनगर सीट से चुने गए थे. इन दोनों सीटों के अतिरिक्त अन्य सभी सीटों पर सत्ताधारी दल कांग्रेस के विधायक काबिज हैं.
इन सबके बीच बीजेपी के लिए दुर्ग संभाग की सीटों को वापस हासिल करना बड़ी चुनौती है. इसे साधने के लिए ही ये गोपनीय बैठक रखी गई. इसमें पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के अलावा बीजेपी संगठन से जुड़े पवन साय, पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय, राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय, दुर्ग सांसद विजय बघेल, राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय समेत अन्य दिग्गज जुटे हुए थे.
निष्क्रियता बड़ी चुनौती
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बैठक में प्रमुख मुद्दा पूर्व में सक्रिय रहे पार्टी के अधिकारी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की निष्क्रियता है. सत्ता में नहीं होने से पार्टी भी उनके अनुकूल कुछ बड़ा आयोजन या उन्हें रिचार्ज करने की कवायद नहीं कर पा रही है. दूसरी ओर, स्थानीय प्रशासन में भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. इन सबके चलते अधिकांश पदाधिकारी व कार्यकर्ता निष्क्रिय हो गए हैं. आगामी विधानसभा चुनाव में ये पार्टी पर भारी पड़ सकती है. लिहाजा इस पर खास चर्चा की गई है.
बूथों को करेंगे सक्रिय
चर्चा का एक प्रमुख विषय बूथों को सक्रिय करना था. बता दें कि बूथ लेवल पर रणनीति बनाने की शुरुआत बीजेपी से ही हुई थी. लेकिन, हाल के दिनों में कांग्रेस इसे हथियार बना चुकी है. बीजेपी भी अब अपनी मौलिक रणनीति को फिर से प्रभावी बनाने की कवायद में जुट गई है. इसी के तहत दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद, बेमेतरा, मोहला-मानपुर चौकी समेत अन्य जिलों में भी बूथ लेवल पर फोकस करने की रणनीति बनाई गई है.
कांग्रेस की नाकामियां उजागर करने पर चर्चा
इस दौरान राज्य सरकार की नाकामियों, विभिन्न योजनाओं में सामने आए भ्रष्टाचार, धर्मांतरण के मुद्दे, शराबबंदी को लेकर वादाखिलाफी आदि को जन-जन तक पहुंचाने पर चर्चा की गई. कहा गया कि गोठानों में हुए भ्रष्टाचार आदि को उजागर करते हुए सरकार की नाकामियों को लोगों तक पहुंचाने के लिए मंडल से लेकर बूथ लेवल पर योजना बनानी होगी.
केंद्र की गिनाएंगे उपलब्धियां
इसके साथ ही केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार की उपलब्धियों के सहारे भी राज्य में सत्ता वापसी पर चर्चा की गई. विभिन्न देशों में पीएम के साथ देश के बढ़े सम्मान, मजबूत विदेश नीति, विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं आदि के प्रचार-प्रसार पर जोर देने के संबंध में चर्चा हुई है.
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