भिलाई. छत्तीसगढ़ के भिलाई में सेक्टर-7 स्थित कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय में संविधान दिवस के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दौरान प्राध्यापकों और एनसीसी कैडेट्स ने संविधान की रक्षा, देश की सुरक्षा और अखंडता बनाए रखने की शपथ ली. कॉलेज के प्राचार्य ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए इसे विश्व का सर्वश्रेष्ठ दस्तावेज बताया.
प्राचार्य ने कहा कि प्रस्तावना भारतीय संविधान का सार, लक्ष्य और दर्शन को प्रकट करती है. कार्यक्रम में संविधान की रक्षा के महत्व को रेखांकित किया गया और उपस्थित प्राध्यापकों और कैडेट्स ने इसका पालन करने का संकल्प लिया. कार्यक्रम का संचालन एनसीसी बॉयज विंग के प्रभारी द्वारा किया गया, जबकि एनसीसी गर्ल्स विंग की प्रभारी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया.
एनसीसी कैडेट्स ने निभाई अहम भूमिका
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में एनसीसी के सीनियर और जूनियर कैडेट्स ने भाग लिया. प्राचार्य ने युवाओं को संविधान के प्रति उनकी जिम्मेदारी समझाई और इसे राष्ट्र निर्माण का आधार बताया. इस दौरान विभिन्न विभागों के प्रमुख प्राध्यापकों और सहायक प्राध्यापकों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई.
पर्यावरण संरक्षण पर जागरूकता का दिया संदेश
संविधान दिवस के साथ-साथ विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस भी मनाया गया. प्राचार्य ने पर्यावरण संतुलन और पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा की महत्ता पर जोर दिया. उन्होंने एनसीसी कैडेट्स को पर्यावरण प्रदूषण के निवारण और संरक्षण के लिए आवश्यक कदम उठाने की प्रेरणा दी. उन्होंने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए सामूहिक प्रयास और जागरूकता बेहद जरूरी है. यह दिवस समाज को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
राजनीति विज्ञान विभाग ने ली संविधान अनुसार आचरण की शपथ
राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा संविधान के अनुरूप आचरण करने की शपथ ली गई. कार्यक्रम में प्राचार्य और विभिन्न विभागों के प्रमुखों के साथ कला संकाय के सभी प्राध्यापक एवं विद्यार्थियों ने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी. इस अवसर पर संविधान के आदर्शों और उद्देश्यों के प्रति निष्ठा बनाए रखने का संकल्प लिया गया. छात्रों को यह प्रेरणा दी गई कि वे संविधान का पालन करते हुए समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करें.
छात्रों में जागरूकता और जिम्मेदारी का दिखाया भाव
कार्यक्रम ने छात्रों और प्राध्यापकों के बीच संविधान और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम किया. संविधान दिवस और पर्यावरण संरक्षण दिवस जैसे आयोजनों ने छात्रों में सामाजिक जिम्मेदारी का भाव जगाया. दोनों अवसरों पर प्रेरित किया गया कि संवैधानिक मूल्यों और पर्यावरण संरक्षण को अपने दैनिक जीवन में शामिल करें. यह पहल न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि सामाजिक चेतना के स्तर पर भी एक सराहनीय कदम साबित हुआ.
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