भिलाई-दुर्ग। हसदेव अरण्य बचाने की मुहिम में अब कलाकार व साहित्यकार भी जुड़ते जा रहे हैं। अनेक लोग हसदेव अरण्य को बचाने अपने अपने अंदाज में कला के माध्यम से शासन एवं लोगों तक अपनी आवाज पहुंचा रहे हैं। ऐसे ही विलुप्त होती खंजेरी गायन विधा को संजोकर रखें छत्तीसगढ़ी लोक गायक खुमान सिंह यादव ने भी खंजेरी गायन के माध्यम से अनूठे अंदाज में सरकार एवं आम जनता से हसदेव बचाने की अपील की है।
वायरल वीडियो में उन्होंने खंजेरी गायन से जो मार्मिक गीत प्रस्तुत की उसे उनके छोटे भाई रोमशंकर यादव ने लिखा है, आप भी देखे यह वीडियो….
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इसे बचाने की मुहिम
असल में पिछले 10 सालों से आदिवासियों के लगातार विरोध के बाद भी पिछले साल केंद्र सरकार की मुहर के बाद अब छत्तीसगढ़ सरकार ने हसदेव अरण्य के परसा कोयला खदान को 6 अप्रैल को मंजूरी दे दी है। सरगुजा और सूरजपुर जिले के 1252.447 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले परसा कोयला खदान का 841.538 हेक्टेयर जंगल का इलाका है, जबकि 410.909 हेक्टेयर क्षेत्र जंगल क्षेत्र से बाहर का इलाका है। राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को आवंटित छत्तीसगढ़ के इस कोयला खदान को राजस्थान की कांग्रेस पार्टी सरकार ने एमडीओ यानी माइन डेवलपर कम ऑपरेटर के आधार पर अनुबंध करते हुए अडानी समूह को सौंप दिया है।
इसे भी जानिए
मध्य भारत का फेफड़ा कहे जाने वाले हसदेव अरण्य में 18 चिन्हांकित कोयला खदाने हैं। हसदेव अरण्य के जंगल सैकड़ों हाथियों समेत दूसरे वन्य जीवों का स्थाई घर हैं। इसके अलावा यह इलाका हसदेव बांगो बांध का ‘कैचमेंट एरिया’ भी है। जिससे लगभग तीन लाख हेक्टेयर क्षेत्र में दो फसली सिंचाई होती रही है। हसदेव अरण्य की समृद्ध जैव विविधता और उच्च पारिस्थितिक के कारण कोयला मंत्रालय और वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने 2010 में एक संयुक्त अध्ययन के बाद, इस इलाके को किसी भी तरह के खनन के लिए प्रतिबंधित करते हुए इसे ‘नो गो एरिया’ घोषित किया था।
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