बीजापुर. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले में भोपालपट्टनम क्षेत्र के रामपुरम स्थित सीएएफ (छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स) की 15वीं वाहिनी के कैंप में एक जवान ने अपनी सर्विस राइफल से खुद को गोली मारने की कोशिश की. गोली की आवाज से पूरे कैंप में हड़कंप मच गया. गंभीर रूप से घायल जवान को तुरंत भोपालपटनम के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया.
बता दें कि घायल जवान को बेहतर इलाज के लिए जगदलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है. जवान की स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है. जवान का नाम मनोज दिनकर बताया गया है, जो कि ग्राम भोगांव, जिला जांजगीर-चांपा का निवासी है.
इस आत्महत्या के प्रयास के पीछे का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है और पुलिस इस मामले की जांच कर रही है. बीजापुर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) चंद्रकांत गवर्ना ने घटना की पुष्टि की है.
रामपुरम कैंप में गोली चलने की आवाज सुनते ही कैंप में तैनात अन्य जवान और अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और घायल जवान को देखा तो वह तड़प रहा था. तब उसे तत्काल भोपालपटनम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. वहीं प्राथमिक उपचार के दौरान चिकित्सकों ने घायल जवान की हालत को देखते हुए उसे जिला अस्पताल भेजने का निर्णय लिया. इसके बाद घायल जवान को जगदलपुर रेफर किया गया, जहां उसे बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें.
मनोज दिनकर के आत्महत्या के प्रयास के पीछे की वजह का अभी तक पता नहीं चल पाया है. इस मामले को लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और घटना से संबंधित सभी पहलुओं की गहराई से जांच की जा रही है.
सीएएफ के जवानों की मानसिक स्थिति और उनके कार्यस्थल पर होने वाले तनाव को ध्यान में रखते हुए इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर उपाय किए जाने की आवश्यकता पर भी विचार किया जा रहा है.
बीजापुर क्षेत्र में पहले भी जवानों की आत्महत्या की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिससे जवानों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ गई है. इस घटना के बाद सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने जवानों के मानसिक स्वास्थ्य की जांच और उनकी समस्याओं को समझने के लिए विभिन्न उपायों पर विचार करना शुरू कर दिया है.
मनोज दिनकर के परिवार को घटना की सूचना दे दी गई है और प्रशासनिक स्तर पर उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है. पुलिस की जांच के बाद ही आत्महत्या के प्रयास के पीछे की असली वजह सामने आ पाएगी. इस घटना ने सीएएफ के जवानों के मानसिक स्वास्थ्य और कार्यस्थल पर तनाव के मुद्दे को एक बार फिर से उजागर कर दिया है, जिससे भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए तत्काल और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है.
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