भिलाई. छत्तीसगढ़ में कथित रूप से हुए 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में भिलाई खुर्सीपार निवासी अरविंद सिंह का भी नाम आया तो ईडी ने उसे समंस भेजे. पेश नहीं होने पर उसे पकड़ने की योजना बनाई और उसकी मां के अंतिम संस्कार के दौरान सोमवार की सुबह उसे श्मशान घाट से ही हिरासत में ले लिया गया. दरअसल, शराब ट्रांसपोर्टिंग का काम करने वाला अरविंद असल में भिलाई स्टील प्लांट का कर्मचारी है, जहां वह टीएनडी डिपार्टमेंट में मास्टर ऑपरेटर के पद पर है. लेकिन, वह पिछले 3 साल से अवकाश पर है.
भिलाई स्टील प्लांट के कुछ विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि वह यहां के डीएनडी यानी ट्रांसपोर्ट एंड डीजल डिपार्टमेंट में मास्टर ऑपरेटर के रूप में अब भी कार्यरत है. हालांकि उसने 1 अप्रैल 2020 को 3 साल के लिए अवकाश ले लिया था. इसी बीच उसने शराब ट्रांसपोर्टिंग का कारोबार शुरू किया. 3 साल की अवधि पूरी करने के बाद उसे बीते 31 मार्च को फिर से ज्वाइनिंग देनी थी, लेकिन वह नदारद रहा. ऐसे में बीएसपी से उसे नोटिस भी जारी हुआ है.
स्कैम से ऐसे जुड़ा नाम
अरविंद सिंह को आबकारी अफसर एपी त्रिपाठी का करीबी माना जाता है, जो कि अभी ईडी की कस्टडी में है. इसी तरह होटल संचालक त्रिलोक सिंह ढिल्लन की गिरफ्तारी के बाद उससे हुई पूछताछ में भी स्कैम के तार उससे जुड़ने का पता चला. अहम दस्तावेज और सबूत मिलने के बाद ईडी ने उसे कई बार समंस भेजे थे. लेकिन, वह पेश नहीं हो रहा था.
HC ने नहीं दी थी राहत
इस बीच अरविंद सिंह की पत्नी पिंकी सिंह ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में ईडी की कार्रवाई के खिलाफ याचिका दायर की थी और गिरफ्तारी नहीं करने की अनुरोध किया था. लेकिन, हाईकोर्ट ने इस मामले में किसी तरह की राहत नहीं दी. इसके बाद से उस पर ईडी द्वारा उसकी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी. अरविंद भी बचने की फिराक में सामने नहीं आ रहा था.
मां के अंतिम संस्कार में मिला मौका
इसी बीच रविवार की रात अरविंद सिंह की मां का निधन हो गया. इसकी सूचना ईडी के रायपुर कार्यालय के अफसरों को मिल गई थी. तब सोमवार को रामनगर श्मशान घाट में उसके पहुंचने की संभावना पर अफसरों ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी. सुबह अरविंद सिंह ने अपनी मां के अंतिम संस्कार की विधि पूरी की. इसके तत्काल बाद अफसरों ने उसे हिरासत में ले लिया और फिर रायपुर कार्यालय ले आए.
तीनों को कोर्ट में पेश कर सकता है ईडी
बता दें कि अरविंद सिंह के साथ ही एपी त्रिपाठी और ढिल्लन तीनों ईडी की हिरासत में हैं. ईडी ने एपी व ढिल्लन की तो बाकायदा रिमांड ले ली है. ऐसे में अब तीनों को मंगलवार को कोर्ट में पेश किए जाने की संभावना है. वहां एपी त्रिपाठी और ढिल्लन की रिमांड अवधि बढ़ाने और अरविंद को रिमांड पर लिए जाने की मांग की जा सकती है, ताकि तीनों से एक साथ पूछताछ कर स्कैम से जुड़ी गुत्थी सुलझाने व अहम सबूत जुटाने में मदद मिल सके.
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