रायपुर. छत्तीसगढ़ से विधायक और मंत्री बृजमोहन अग्रवाल हाल ही में सांसद निर्वाचित होने के बाद से चर्चा में बने हुए थे. उनके बयान और निर्णयों से बीजेपी के दिग्गज भी असमंजस में थे. आखिरकार, बृजमोहन अग्रवाल ने इस स्थिति पर विराम लगाते हुए अपने विधायक पद से इस्तीफा सौंप दिया है. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के मौलश्री स्थित निवास कार्यालय में पहुंचकर उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा.
बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को अपने विधायक पद से इस्तीफा सौंपा है. यह निर्णय उन्होंने उस समय लिया जब उनके बयान से पार्टी में असमंजस की स्थिति बनी हुई थी. बीजेपी के भीतर और बाहर, दोनों ही जगह राजनीति में एक नई हलचल मच गई थी.
मंत्री पद पर सवाल
बृजमोहन अग्रवाल ने स्पष्ट किया है कि वे विधायक पद छोड़ने के बावजूद आगामी छह महीने तक मंत्री पद पर बने रह सकते हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय तय करेंगे कि उन्हें मंत्री पद से कब त्याग पत्र देना है.
बीजेपी दिग्गजों की बढ़ी थीं धड़कनें
बृजमोहन अग्रवाल के बयान ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं को भी असमंजस में डाल दिया था. उन्होंने पहले कहा था कि वे अभी तय नहीं किए हैं कि सांसद पद से इस्तीफा दें या फिर विधायक पद से. उनके इस बयान से पार्टी में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. आखिरकार, उन्होंने विधायक पद छोड़ने का निर्णय लिया.
इसलिए उठे थे सवाल
एक महत्वपूर्ण बिंदु यह भी है कि बृजमोहन अग्रवाल को केंद्र में मंत्री पद नहीं दिया गया है, जबकि पहली बार जीतने वाले बिलासपुर सांसद तोखन साहू को राज्य मंत्री बनाया गया है. इस मुद्दे ने भी पार्टी के भीतर चर्चाओं को जन्म दिया. बृजमोहन अग्रवाल की वरिष्ठता और उनके बड़े मार्जिन से जीतने के बावजूद उन्हें केंद्र में मंत्री पद नहीं मिलना एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय बना हुआ है.
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