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राज्यपाल के पास पहुंचा रेडी-टू-ईट का मामला, भाजपा महिला मोर्चा ने सौंपी ग्राउंड रिपोर्ट, पैदल मार्च भी किया

 Newsbaji  |  Apr 29, 2022 06:59 PM  | 
Last Updated : Jan 06, 2023 10:18 AM

रायपुर। रेडी-टू-ईट वितरण का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब यह पूरा मामला राज्यपाल अनुसुईया उइके के पास पहुंच गया है। भाजपा महिला मोर्चा की पदाधिकारियों ने राज्यपाल को एक रिपोर्ट सौंपी है। जिसमें प्रदेशभर के आंगनबाड़ी केन्द्रों में जाकर वहां के हालातों का जायजा लिया है। महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने रायपुर कलेक्ट्रोरेट परिसर से लेकर राजभवन तक पैदल मार्च भी निकाला। जिसमें भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष शालिनी राजपूत व उपाध्यक्ष ममता साहू मौजूद रही।

  1. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कलेक्टर दर से मानदेय देने का संकल्प लिया था, किंतु अभी तक इसमें कार्यरत बहनों को वैसा मानदेय नहीं दिया जा रहा है।
  2. प्रतिदिन बच्चों के रेडी टू ईट प्रदाय करने का न्यायालय का आदेश है, किन्तु जिले में इसका वितरण प्रतिदिन नहीं हो रहा है। कुपोषण चिंताजनक स्तर तक पहुंच गया है।
  3. सामग्री वितरण जिस मात्रा में होना चाहिए उतना आपूर्ति सरकार द्वारा नहीं हो पा रही है।
  4. परिवहन व्यय प्रति क्विंटल मात्र 100 रुपए देने का आदेश हुआ है यह बेहद कम है।
  5. राज्य शासन ने रेडी टू ईट योजना को रेडी टू लूट में बदल कर रख दिया है। उपरोक्त अनियमितताओं के कारण किशोरियों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य पर बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

हाईकोर्ट का आ चुका है फैसला
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रेडी-टू-ईट वितरण मामले में गुरुवार को फैसला सुना दिया है। अदालत का निर्णय राज्य सरकार के पक्ष में आया है। दरअसल रेडी-टू-ईट मामले में दायर सभी 287 याचिकाओं को बिलासपुर हाईकोर्ट ने एक साथ खारिज कर दिया है। कोर्ट ने प्रदेश सरकार की नीति को सही पाया।
बता दें कि सरकार ने रेडी-टू-ईट को सेंट्रलाइज्ड किए जाने का निर्णय लिया है। शासन का मानना है कि इससे आहार की व्यवस्था और गुणवत्ता बेहतर होगी। इसके खिलाफ महिला स्व सहायता समूहों ने हाइकोर्ट में याचिकाएं लगाई थी।

विधानसभा में भी उठा था मुद्दा
भाजपा ने राज्य सरकार पर रेडी-टू-ईट पौष्टिक भोजन के निर्माण और वितरण में लगी महिला स्व सहायता समूहों का रोजगार छीनने का आरोप लगाते हुए विधानसभा में जमकर हंगामा किया था। विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, अजय चंद्राकर और शिवरतन शर्मा सहित अन्य भाजपा विधायकों ने इस मामले को उठाया था और चर्चा कराए जाने की मांग की थी। इस मामले को लेकर विपक्ष लगातार भूपेश बघेल सरकार पर हमलावर रही है। विपक्ष ने महिलाओं से रोजगार छिनकर बाहर की कंपनी को काम देने का आरोप भी लगाया था।

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