भिलाई. जिला भिलाई बीजेपी संगठन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. इसी बीच जिलाध्यक्ष ब्रजेश बिचपुरिया ने भिलाई पश्चिम मंडल और भिलाई- 3 चरोदा मंडल के अध्यक्षों द्वारा जारी कार्यकारिणी विस्तार की सूची को निरस्त कर दिया है. साथ ही कहा है कि ये नियुक्तियां बगैर अनुमति के की गई हैं और जो दावे दोनों अध्यक्षों ने की है वह झूठा है. इससे एक बार फिर बीजेपी संगठन में विवाद गहरा गया है और अंदरुनी विवाद खुलकर सामने आ गया है.
माना जाता रहा है कि बीजेपी भिलाई के पश्चिम मंडल और भिलाई- 3 चरोदा मंडल में गुटबाजी शुरू से हावी रहा है. एक धड़ा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पांडेय को समर्थन देता है तो दूसरा राज्यसभा सदस्य सरोज पांडेय के भाई राकेश पांडेय के समर्थक हैं. उन दोनों की ओर से कोर संगठन से आए अध्यक्ष ब्रजेश बिचपुरिया को तरजीह नहीं देने की बातें भी सामने आती रही हैं. इन सबके बीच ताजा विवाद दोनों मंडल अध्यक्षों द्वारा की गई नियुक्ति को लेकर उठा है.
लिहाजा एक बार फिर बीजेपी जिलाध्यक्ष ब्रजेश बिचपुरिया को आगे आना पड़ा है. 12 मार्च को उन्होंने अपने लेटरहेड से एक पत्र जारी किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि दोनों मंडलों के अध्यक्षाें द्वारा कार्यकारिणी विस्तार की सूची जारी की गई है. उसमें भाजपा जिलाध्यक्ष की अनुशंसा से प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव व संगठन महामंत्री पवन साय की अनुमति से भाजपा संगठन प्रभारी जिला भिलाई संदीप शर्मा की सहमति का उल्लेख किया गया है. जबकि यह पूरी तरह से असत्य कथन है.
यह अनुशासनहीनता है: ब्रजेश
अध्यक्ष ब्रजेश ने आगे लिखा है कि दोनों मंडल अध्यक्षों द्वारा बगैर सहमति या अनुमति के सूची जारी की है जो अनुशासनहीनता के दायरे में आता है. लिहाजा दोनों सूचियों को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है.
इस संबंध में चर्चा के दौरान जिलाध्यक्ष ब्रजेश बिचपुरिया ने कहा कि दोनों मंडलों में नियुक्ति को लेकर अनियमिता मिली थी. ऐसे में उन्हें निरस्त किया गया है.
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