रायपुर. पिछले दिनों छत्तीसगढ़ की राजनीति में तब भूचाल आ गया था, जब बिलासपुर के महापौर रामशरण यादव की एक ऑडियो कॉल रिकॉर्डिंग वायरल हो गई थी. इसमें उन्होंने कांग्रेस की एक बड़ी नेत्री द्वारा 4-4 करोड़ रुपये लेकर टिकट देने की बात स्वीकारी थी. इस पर मेयर यादव को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया था. वहीं अब संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर पार्टी ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है.
बता दें कि वायरल ऑडियो में रामशरण यादव अरुण तिवारी से बातचीत कर रहे थे. अरुण तिवारी कांग्रेस के पूर्व विधायक हैं और बेलतरा से उन्होंने टिकट भी मांगा था. नहीं मिलने पर निर्दलीय ही लड़ने का फैसला किया. इसी बीच उन्होंने फोन पर रामशरण यादव से चर्चा की. इस बातचीत के दौरान मेयर रामशरण ने कई सारी बातें कही है.
इसमें उन्होंने कहा कि 4-4 करोड़ रुपये लेकर कांग्रेस में टिकट दिया गया है. वे खुद दावेदार थे और सर्वे में भी वे आगे चल रहे थे. लेकिन, पैसे के कारण ही उन्हें टिकट नहीं मिल सका. इसके अलावा बिलासपुर विधायक तक पर विधायक निधि के पैसे में कमीशनखोरी की बात कहते हुए कई वरिष्ठ नेताओं पर आपत्तिजनक बातें कही थी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरुण ने किया था खुलासा
इस बीच अरुण तिवारी ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया. इसमें उन्होंने पत्रकारों को पूरे मामले की जानकारी देते हुए ऑडियो क्लिप भी सौंपा. इसके बाद से ही भूचाल सा आ गया. बीजेपी ने भी इसे मुद्दा बना लिया.
नोटिस का जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई
इस बीच पीसीसी चीफ दीपक बैज के हवाले से महापौर रामशरण यादव को नोटिस जारी किया गया था. इसमें उन्हें स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया था. इस पर रामशरण ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया. लिहाजा अब उन्हें पार्टी से निष्कासित करने का निर्णय लिया गया है और इस संबंध में पत्र भी जारी किया गया है.
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