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बीजापुर में पंचायत सचिव भर्ती घोटाला! MLA, कलेक्टर समेत 8 अधिकारी व जनप्रतिनिधियों से शिकायत, लेकिन हुआ क्या?

 Newsbaji  |  Feb 27, 2023 07:53 PM  | 
Last Updated : Feb 27, 2023 07:53 PM
बीजापुर में पंचायत सचिव भर्ती मामले में घोटाले की जांच अधर में.
बीजापुर में पंचायत सचिव भर्ती मामले में घोटाले की जांच अधर में.

मुकेश चन्द्राकर/बीजापुरः छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 8 साल पहले हुए पंचायत सचिव भर्ती प्रक्रिया में बड़े घोटाले के आरोप लगे हैं. पंचायत सचिव भर्ती प्रक्रिया में अपनाई गई भारी अनियमितता की लिखित शिकायत विधायक, कलेक्टर, जिला पंचायत सीइओ समेत 8 अधिकारी और जनप्रतिनिधियों से भी की जा चुकी है. पिछले 5 माह में 19 लिखित शिकायतों के बाद बीजापुर के जिला पंचायत सीईओ व कलेक्टर ने अलग अलग 2 जांच दल बनाकर मिली शिकायत के जांच के आदेश दे दिये हैं.

क्या है पूरा मामला?
30 अप्रैल 2015 को जिला पंचायत बीजापुर से पंचायत सचिव के कुल 28 रिक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. जिसे संसोधित करते हुए 27 पद स्वीकृत करते हुए दोबारा विज्ञापन पत्र जारी किया गया. आरोप है कि संशोधित विज्ञापन पत्र में तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ के हस्ताक्षर हैं, लेकिन जावक क्रमांक अंकित नहीं है और न ही सूचना का प्रकाशन सही तरीके से किया गया है. साथ ही संशोधित विज्ञप्ति जारी करने की नोटशीट में जिला पंचायत सीईओ द्वारा अनुमोदन ही नहीं किया गया है. इतना ही नहीं बल्कि आरक्षण रोस्टर के नियमों को दरकिनार कर संशोधित विज्ञप्ति जारी किया गया है.

आरोप है कि कुछ अभ्यर्थियों ने वरीयता सूची में जगह पाने के लिए अवैध तरीके से फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र और जाति प्रमाण पत्र का भी सहारा लिया है. नियमतः दावा आपत्ति निराकरण के बाद अंतिम वरीयता सूची को जिला पंचायत व जनपद पंचायत कार्यालय की सूचना पटल पर प्रकाशित किया जाना था जो कि नहीं किया गया है. जिससे पंचायत सचिव भर्ती प्रक्रिया में अपनाये गये पारदर्शिता पर सवाल उठने लगे हैं. पूरी भर्ती प्रक्रिया में दावा आपत्ति निराकरण के बाद दो दिनांकों 06 जुलाई 2015 और 31 जुलाई 2015 को वरीयता सूची जारी की जाती है.

जो बेहद संदेहास्पद है. आरोप है कि इस वरीयता सूची को भी जिला या फिर जनपद पंचायत के सूचना पटल पर चस्पा ही नहीं किया गया था. साथ ही पूर्व में जारी वरीयता सूची में चयनित अभ्यर्थियों के प्रवर्गों में भी संशोधन किया गया है. जाहिर है भर्ती प्रक्रिया में पात्र अभ्यर्थियों को दरकिनार कर अपा़त्र अभ्यर्थियों को वरीयता सूची में जगह दिलाने आरक्षण रोस्टर नियमाें का पालन नहीं किया गया. अपने चहेते अभ्यर्थियों को लाभ पहुॅचाने के उद्देश्य से पूरी भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं अपनाई गई.

05 माह में 8 जिम्मेदारों से की गई 19 लिखित शिकायतें
2015 में हुए सचिव भर्ती प्रक्रिया में बरती गई अनियमितताओं की जांच व संलिप्त जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग को लेकर अब लगातार शिकायतें की जा रहीं हैं. शिकायतकर्ता विकास मोरला, सुशील कुमार दुर्गम, प्रताप सिंह सेमल और गोविंदा मडकम ने विधायक और बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी से 02 सितम्बर 2022, 16 नवम्बर 2022 व 29 दिसम्बर 2022 को अलग अलग समय पर सचिव भर्ती घोटाले के संबंध में 3 बार लिखित शिकायतें दर्ज की हैं.

विधायक ने भी 09 जनवरी 2023 को कलेक्टर को पत्र लिखकर मिली शिकायतों की जांच की मांग की है. इन्हीं शिकायतकर्ताओं द्वारा जिले के कलेक्टर को सितम्बर से लेकर अब तक 4 बार लिखित शिकायत कर मामले के निष्पक्ष जांच की मांग की गई है. इतना ही नहीं अपर मुख्य सचिव, छत्तीसगढ शासन व संचालक, पंचायत व संयुक्त संचालक, पंचायत से भी 23 सितम्बर 2022 को पत्र लिखकर सचिव भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं की शिकायत की गई है. साथ ही जिला पंचायत सीईओ से 5 बार, जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडियाम व जिपं उपाध्यक्ष कमलेश कारम से क्रमशः दो-दो बार लिखित शिकायतें की जा चुकी हैं. जिसके बाद जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश कारम ने संचालक पंचायत को पत्र लिखकर साल 2015 में हुए सचिव भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच की मांग की है.

शिकायतों के बाद क्या हुआ?
सचिव भर्ती प्रक्रिया में हुई अनियमितताओं से संबंधित लगातार मिल रही शिकायतों के बाद जिला पंचायत सीईओ रवि कुमार साहू द्वारा 26 सितम्बर 2022 को तीन सदस्यीय जांच दल गठित किया गया. गीत कुमार सिन्हा, उप संचालक पंचायत की अध्यक्षता में गठित इस जांच दल में बतौर सदस्य ललित दास माणिकपुरी, समन्वयक व आर.बी. कुरैशी, लेखाधिकारी को शामिल किया गया था. जांच दल को पूरे मामले की जांच 10 दिनों के भीतर पूरी कर जांच प्रतिवेदन जिला पंचायत सीईओ के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए थे.

कलेक्टर ने भी दिए जांच के आदेश
ग्राम पंचायत सचिव भर्ती 2015 में हुए गडबड़ियां और त्रुटियों के परिणाम स्वरूप आवेदकों की नियुक्ति न किए जाने के संबंध में प्राप्त शिकायत पर 13 दिसम्बर 2022 को कलेक्टर द्वारा अनुमोदित एक और जांच आदेश डिप्टी कलेक्टर बीजापुर द्वारा जारी किया गया है. रवि कुमार साहू, सीईओ जिला पंचायत की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय इस जांच दल में एमके नारंग लेखा अधिकारी, जिला कार्यालय बीजापुर व ऋषिकेश सिंह सिदार, रोजगार अधिकारी, जिला कार्यालय बीजापुर को बतौर सदस्य शामिल किया गया है. कलेक्टर द्वारा अनुमोदित इस जांच दल को 1 सप्ताह के भीतर पूरे मामले की जांच कर जांच प्रतिवेदन सौंपने का आदेश जारी किया गया है.

जांच में दोषी पाये जाने पर होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई
इस पूरे मामले में बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष व बीजापुर विधायक विक्रम शाह मंडावी ने न्यूजबाजी को बताया कि शिकायत उन्हें प्राप्त हुई है. मामले की गंभीरता को समझते हुए उनके द्वारा पंचायत सचिव 2015 में हुए भर्ती प्रक्रिया की जांच के लिए जिले के कलेक्टर को पत्र लिखा गया है. जांच प्रतिवेदन आने पर भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी या अनियमितताएं पायी जाती है तो संबंधित जिम्मेदारों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

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