बस्तरः छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सलियों से बातचीत को लेकर स्थिति को साफ कर दिया है। उन्होंने कहा है कि, नक्सली पहले भारतीय संविधान पर विश्वास करें, मैं उनसे बात करने सुकमा आ जाउंगा या वो जहां कहें मैं वहां चल दूंगा। मैं हिदुस्तान में हूं। संघी गणराज्य होने के नाते मैं एक संवैधानिक पद पर बैठा हूं।
संविधान पर करना होगा भरोसा-सीएम भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री का साफ कहना है कि नक्सलियों के लिए हमेश से वार्ता के लिए द्वार खुले हैं। बशर्ते उन्हें भारत के संविधान पर भरोसा करना होगा। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बस्तर में हालात बदले हैं। पूर्व में जो भय व आतंक का माहौल था, वो खत्म हुआ है। जल, जंगल और जमीन की मांग पर सरकार काम कर रही है। वनांचल में रहने वाले आदिवासियों के लिए सरकार जंगल का अधिकार दे रही है।
क्या हो सकती है वार्ता?
सरकार से शांति वार्ता को लेकर नक्सलियों की ओर से पिछले एक महीने में 2 बार प्रेस रिलीज जारी की गई है। नक्सलियों के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प की ओर से जारी इस रिलीज में शांति वर्ता के लिए कई शर्तें नक्सलियों द्वारा रखी गई हैं। इसमें जंगल से सुरक्षा बलों को हटाने, वार्ता के लिए बड़े नक्सली नेताओं को रिहा करने जैसी मांगें भी शामिल हैं। साथ ही ये भी कहा गया कि शांति वार्ता के लिए बेहतर माहौल तैयार करने का काम सरकार का है। इन्हीं प्रेस रिलीज की मांगो को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सल प्रभावित जिला सुकमा में प्रदेश सरकार की स्थिति स्पष्ट किया है।
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