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पत्रकार का सिर फूटा, झोपड़ी में आग लगी, बस में पथराव, दुकानें बंद और गृहमंत्री बोले- बंद बेअसर रहा

 Newsbaji  |  Apr 10, 2023 07:09 PM  | 
Last Updated : Apr 10, 2023 07:19 PM
बेमेतरा जिले की घटना के विरोध में छत्तीसगढ़ बंद का दिखा व्यापक असर.
बेमेतरा जिले की घटना के विरोध में छत्तीसगढ़ बंद का दिखा व्यापक असर.

रायपुर. छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के साजा क्षेत्र के बिरनपुर गांव में हिंसा और युवक की हत्या के बाद उपजा आक्रोश सोमवार को छत्तीसगढ़ के शहर-शहर और गली-गली में नजर आया. खुद हिंसा प्रभावित गांव में भीड़ ने एक मकान में आग लगा दी. रायपुर में बस में तोड़फोड़ की गई. रायपुर के एक पत्रकार का बेमेतरा में सिर फट गया. आरोप लग रहा कि पुलिस के डंडे से सिर फटा. खैर लेडी आईपीएस ने ही उसे सुरक्षित बाहर निकाला. वहीं इन सबके बीच छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने बंद को बेअसर बताया है.

हालांकि गृहमंत्री साहू ने अपने बयान में ये पूछल्ला जरूर जोड़ा कि चुनावी साल में बीजेपी अपने राजनीतिक हित साधने के लिए अपने अनुशांगिक संगठनों को आगे कर इस तरह का माहौल खराब कर रही है, जो छत्तीसगढ़ जैसे शां‍त प्रदेश के लिए ठीक नहीं है. जहां तक प्रदेश के हालात की बात करें तो बंद के बाद का माहौल प्रायोजित हो या लोगों के आक्रोश की स्वस्फूर्त प्रतिक्रिया, दोपहर बाद इसने उग्र रूप लिया. पुलिस कई मोर्चों पर तो शांतिपूर्वक आंदोलन कराने में सफल रही, लेकिन कुछ जगहों पर हिंसक होने से भी नहीं रोक पाई.

रायपुर में सुबह ही बस में तोड़फोड़
छत्तीसगढ़ की पुलिस सुबह से ही सक्रिय हो गई थी. वहीं हिंदू संगठनों के लोग भी विहिप के बैनर तले या उनके समर्थन में आगे आने लगे. बंद कराने की कड़ी में उन्होंने चक्काजाम की चेतावनी दी थी. जबकि उनके बंद के समर्थन में व्यापारिक संगठनों, परिवहन संचालकों, स्कूल प्रबंधनों के बीच हां ना की ही स्थिति थी. रायपुर में इसी बीच बसों का संचालन भी शुरू हो गया. मौके पर संगठन के युवक भाठागांव पहुंच गए. सामने बस को आते देख पथराव शुरू कर दिया गया. बस के सामने लगा शीशा दरक गया. चालक मुश्किल से बस को यूटर्न कर यात्रियों को सकुशल वापस छोड़ने में सफल रहा.

सुबह बंद की अनदेखी, विवाद के बाद माने
रायपुर में तो सुबह से ही बंद का माहौल दिख रहा था, लेकिन बिलासपुर समेत कई शहरों में सुबह बंद बेअसर ही नजर आ रहा था. कई जगहों पर शटर आधा खोलकर व्यवसायी दुकानें चला रहे थे. स्कूल-कॉलेजों में बच्चे पहुंच गए. लेकिन, जैसे ही संगठनों के लोग सक्रिय हुए, माहौल बदलने लगा. कई जगहों पर बंद कराने के दौरान तोड़फोड़ व धक्कामुक्की भी हुई.

विरोध उतरा बेमेतरा और साजा में
विवाद के केंद्र ब‍िंदु में तो बेमेतरा जिले के साजा ब्लॉक का बिरनपुर गांव था. स्वाभाविक रूप से यहां तक पहुंचने की जुगत में बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव समेत अन्य बीजेपी नेता, विहिप के कार्यकर्ता और मीडियाकर्मी भी इसे कवर करने को लग गए थे. भीड़ बढ़ी तो पुलिस का पहरा भी सख्त हो गया. गांव के रास्ते को कई लेयरों में ब्लॉक किया गया. बेरीकेडिंग तोड़कर जाने का प्रयास भी हुआ. कोई-कोई कामयाब रहा वह आगे बढ़ा. झड़पें भी हुईं. वहीं पुलिस ने कुछ बीजेपी नेताओं को जाने की अनुमति भी दी.

तभी बीच में फंसा मीडियाकर्मी और फटा सिर

इन सबके बीच बेमेतरा पहुंचे मीडियाकर्मी भी पुलिस के पहरे को पार कर आगे जाना चाह रहे थे. लेकिन, पुलिस उन्हें भी रोकने का प्रयास करने लगी. इस दौरान रायपुर के जर्नलिस्ट शिवम मिश्रा के सिर पर गंभीर चोट आई. पुलिस अफसर कह रहे थे कि धक्कामुक्की में चोट आई होगी, लेकिन कई प्रदर्शनकारी आरोप लगा रहे थे कि पुलिस के डंडे के प्रहार से चोट लगी है. लेकिन, बचाने के लिए लेडी आईपीएस अंकिता शर्मा आगे आईं. उन्होंने भीड़ से जर्नलिस्ट को बाहर निकाला.

 

हिंसा प्रभावित गांव में आगजनी, बाल-बाल बजे दुर्ग आईजी


इन सबके बीच हिंसा प्रभावित गांव बिरनपुर में भी भीड़ जुट गई. मौका पाकर उन्होंने एक झोपड़ीनुमा मकान में आग भी लगा दी. तभी अंदर रखे सिलेंडर में विस्फोट भी हो गया. आग की लपटें तेज हुईं और दुर्ग आईजी आनंद छाबड़ा समेत पुलिस के जवान बाल-बाल बचे.

अब सुनिए गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू का बयान
अंतत: गृहमंत्री यानी छत्तीसगढ़ में लॉ एंड ऑर्डर संभालने वाले विभाग के मुखिया  ताम्रध्वज साहू आगे आए. मीडिया को उन्होंने बयान दिया कि गांव में हिंसा हुई है, एक व्यक्ति भुवनेश्वर साहू की मौत हुई है. इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 11 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है. साथ ही अब 10 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. एक और आरोपी की तलाश जारी है.

आगे कहा कि छत्तीसगढ़ में बंद लगभग बेअसर रहा. पुलिस ने हर जगह सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए थे. कहीं-कहीं उन्होंने हिंसा होन की बात भी स्वीकार की. फिर कहा कि चुनावी साल में बीजेपी अपने अनुशांगिक संगठनों की मदद से ऐसा माहौल बना रही है. ये इस शांत प्रदेश के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने पुलिस व कानून-व्यवस्था पर भरोसा रखने की भी बात कही.

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