बिलासपुर. छोटे बच्चों को सिखाने और पढ़ाने के लिए डीएलएड डिग्रीधारी सिद्धहस्त होते हैं. लेकिन, छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षकों की भर्ती में उनके साथ ही बड़ी संख्या में बीएड डिग्रीधारियों की भी नियुक्ति हो गई थी. आखिरकार डीएलएड डिग्रीधारियों को न्याय मिला है और हाई कोर्ट ने बीएड डिग्रीधारियों की नियुक्ति को रद्द कर दिया है.हाईकोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि प्राथमिक शिक्षकों के लिए केवल डीएड पास अभ्यर्थी ही मान्य होंगे. बीएड उत्तीर्ण सहायक शिक्षक, जिनकी ज्वाइनिंग हो चुकी है, उनकी नियुक्ति निरस्त किया जाए और 6 सप्ताह के भीतर केवल डीएलएड पास अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाए.
कोर्ट ने डीएलएड अभ्यर्थियों को शामिल कर पुनरीक्षित चयन सूची बनाने के निर्देश दिए हैं. आपको बता दें कि चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा के डिवीजन बेंच ने इस प्रकरण की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया है. इससे पहले 29 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. वहीं अब आदेश जारी किया गया है.
मई में जारी हुआ था विज्ञापन
इससे पहले राज्य शासन ने 4 मई 2023 को सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. इसमें डीएलएड के साथ बीएड योग्यताधारी को भी सहायक शिक्षक की भर्ती के लिए आवेदन का योग्य माना गया था. डीएलएड उत्तीर्ण शिक्षकों ने सेवा भर्ती नियम और विज्ञापन को इस आधार पर चुनौती दी थी कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय अनुसार प्राथमिक शिक्षकों के लिए बीएड अमान्य है. सहायक शिक्षकों के लिए सिर्फ डीएलड ही मान्य है. आखिरकार हाईकोर्ट ने इस पर मुहर लगा दी है.
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