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प्रत‍िबंधित करील बच्चों के मिड डे मील की थाली में, 14 को फूड पाइजनिंग, 8 को करना पड़ा रेफर, मचा हड़कंप

 Newsbaji  |  Jul 26, 2023 01:23 PM  | 
Last Updated : Jul 26, 2023 01:23 PM
कोरबा में मिड डे मील में करील की सब्जी खाने से 14 बच्चे फूड पाइजनिंग का शिकार हो गए.
कोरबा में मिड डे मील में करील की सब्जी खाने से 14 बच्चे फूड पाइजनिंग का शिकार हो गए.

कोरबा. जिस करील को वन विभाग ने प्रतिबंधित किया है और जो बरसात के इस मौसम में हाइजीन को लेकर संवेदनशील होता है, उसे स्कूल के म‍िड डे मील में बच्चों को परोसा गया था. नतीजा 14 बच्चे फूड पाइजनिंग का शिकार हो गए. उनमें से 8 की हालत गंभीर थी, जिस पर उन्हें मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर करना पड़ा. मामला छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले का है.

बता दें कि सरकारी स्कूलों में बच्चों के मध्यान्ह भोजन यानी मिड डे मील तैयार करने व परोसने की जिम्मेदारी स्वसहायता समूहों को दी गई है. उन्हें चावल तो सोसाइटी से मिल जाता है और बाकी सामान व सब्जियां बाजार से खरीदना पड़ता है, जिसके एवज में उन्हें खर्च राशि उपलपब्ध कराई जाती है. बाजार में सस्ते के चक्कर में कई समूहों की महिलाएं सब्जियों के मामले में रिस्क लेने से भी नहीं चूकतीं. इस मामले में भी यही हुआ है.

आसानी से व सस्ते में मिल जाता है करील
बांस की कोंपलों को काटकर व कुछ परंपरागत प्रोसेसिंग के बाद करील तैयार होता है. इसके कारण बांस की नई शाखाएं नहीं निकल पाती हैं. इसी के कारण वन विभाग ने करील पर प्रतिबंध लगाया है. इसके बाद भी चोरी छिपे वनांचल में इसे बड़े पैमाने पर तैयार किया जाता है. शहरों में तो ये महंगा मिलता है, लेकिन वनांचल में कम दाम पर मिल जाता है.

बरसात में नहीं रहता ठीक
आहार विशेषज्ञों का मानना है कि करील तैयार करने की जो प्रोसेसिंग है उसमें हाइजीन का विशेष ध्यान नहीं रखा जाता है. कई बार ये सड़ भी जाते हैं, जिसके कारण खासकर बच्चों को खिलाना खतरे से खाली नहीं रहता. बरसात के मौसम में जब इम्यून सिस्टम कमजोर रहता है तब खतरा और बढ़ जाता है.

क्या था मामला
मामला कोरबा जिले के करतला ब्लॉक के बीरतराई गांव में संचालित सरकारी मिडिल स्कूल के मिड डे मील में करील की सब्जी परोसी गई थी. उसे खाने के बाद 14 बच्चे बीमार पड़ गए. सभी को कोथारी स्थित स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया. इस दौरान 8 बच्चों ने पेट, सिर में हल्का दर्द और उल्टी आने की बात कही. तब उन्हें कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया. यहां उनका इलाज किया जा रहा है.

कलेक्टर ने दिए जांच के निर्देश
इधर, मामला सामने आने के बाद कलेक्टर ने डीईओ को पूरे मामले में नजर बनाए रखने के निर्देश दिए हैं. बच्चों के इलाज पर किसी तरह की भी बाधा न आए. इसके साथ ही पूरे मामले की जांच कराने की बात भी उन्होंने कही है. तब डीईओ ने भी बीईओ को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है.

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