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धरती में दबाकर दफनाने की कोशिश, रोने की आवाज ने बचाई नवजात की जान

 Newsbaji  |  Dec 28, 2024 02:50 PM  | 
Last Updated : Dec 28, 2024 02:50 PM
सरगुजा जिले में नवजात को दफनाने की हो रही थी कोशिश, बच गई जान.
सरगुजा जिले में नवजात को दफनाने की हो रही थी कोशिश, बच गई जान.

अंबिकापुर. छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले से मानवता को शर्मसार कर देने वाला एक दर्दनाक मामला सामने आया है. सीतापुर थाना क्षेत्र के ग्राम पेटला कोयलापानी में ग्रामीणों ने खेत में जिंदा दफनाने की कोशिश किए गए एक नवजात को बचा लिया. नवजात बच्चे की किलकारी ने उसे मौत के मुंह से खींच लिया, जब उसकी रोने की आवाज सुनकर लोग घटनास्थल पर पहुंचे. बताया जा रहा है कि बच्चा कुछ ही घंटे पहले जन्मा था.

ग्रामीणों ने मानवता का परिचय देते हुए नवजात को तुरंत बचाया और उसे सीतापुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया. डॉक्टरों ने नवजात की हालत स्थिर बताई है और उसे विशेष निगरानी में रखा गया है. घटना से इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है. लोग सोचने पर मजबूर हैं कि ऐसा अमानवीय कृत्य किसने किया होगा.

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर एम. निकुंज ने जानकारी दी कि नवजात बच्चे की स्थिति फिलहाल खतरे से बाहर है. डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों की टीम उस पर लगातार नजर रख रही है. उनका कहना है कि बच्चे को समय पर अस्पताल पहुंचा दिया गया, जिससे उसकी जान बच गई. ग्रामीणों की सतर्कता ने उस मासूम को एक नई जिंदगी दी है.

पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है. नवजात को यहां छोड़ने और उसे जिंदा दफनाने की कोशिश किसने की, इसे लेकर छानबीन जारी है. इस घटना ने क्षेत्र में कई सवाल खड़े कर दिए हैं. ग्रामीण भी स्तब्ध हैं कि कोई मासूम के साथ ऐसा निर्दयी व्यवहार कैसे कर सकता है.

इस अमानवीय घटना ने मानवता को कठघरे में खड़ा कर दिया है, लेकिन ग्रामीणों की संवेदनशीलता ने नवजात को एक जीवनदान दिया है. यह घटना हमें याद दिलाती है कि हर जीवन अनमोल है और कोई भी परिस्थिति इस तरह के घिनौने काम को सही नहीं ठहरा सकती. अब प्रशासन पर यह जिम्मेदारी है कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा देकर इंसाफ किया जाए.

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