रायपुर। खैरागढ़ सहित चार विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा कर दी गइ है। निर्वाचन आयोग के मुताबिक सभी सीटों पर 12 अप्रैल को मतदान होगा। 24 मार्च तक नामांकन जमा किए जाएंगे। 28 मार्च तक नाम वापसी होगी। इसके बाद 12 अप्रैल को मतदान होगा, जबकि 16 अप्रैल को मतगणना होगी। इस ऐलान के बाद खैरागढ़ से लेकर राजधानी तक सियासी हलचल तेज हो गई है। दरअसल, खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह का हार्ट अटैक से निधन हो गया था। तब से यह सीट खाली है। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में देवव्रत सिंह ने जनता कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़कर भाजपा के कोमल जंघेल को 870 वोटों से हराया था।
खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच तगड़ी लड़ाई के आसार हैं। दरसअल, खैरागढ़ में नगर पालिका चुनाव के दौरान कांग्रेस और भाजपा में कांटे की टक्कर थी। दोनों दलों से 10-10 पार्षद जीते थे। बाद में कांग्रेस अपना अध्यक्ष बनाने में कामयाब रही। हालांकि पांच वार्ड ऐसे थे, जहां भाजपा महज एक, दो, पांच, आठ और नौ वोटों से हारी थी। ऐसी स्थिति में विधानसभा उपचुनाव में भी एक-एक वोट के लिए मारामारी होगी। 2018 के बाद यह चौथी बार होगा, जब राज्य में उपचुनाव होंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले दंतेवाड़ा, चित्रकोट और मरवाही में उपचुनाव हुए हैं। तीनों ही चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई है। नगर पालिका के चुनाव परिणाम से उत्साहित भाजपा ने खैरागढ़ के पांच मंडल में दो-दो विस्तारकों की नियुक्ति कर दी है। 14 मार्च को राजनांदगांव में बैठक होने वाली है। इससे पहले प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय के साथ राजनांदगांव जिले के संगठन प्रभारी और खैरागढ़ नगर पालिका चुनाव के प्रभारी रहे संजय श्रीवास्तव भी बैठक ले चुके हैं। खैरागढ़ उपचुनाव के लिए कांग्रेस से जहां गिरवर जंघेल का नाम उभर रहा है।
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