रायपुर. एमिटी विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ का पहला दीक्षांत समारोह माठ स्थित एमिटी परिसर में हुआ. इसमें सत्र 2016 से लेकर 2022 बैच के सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 73 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल, 37 को बलजीत शास्त्री अवॉर्ड, 15 विद्यार्थियों को अशोक चौहान स्कॉलरशिप तो 5 विद्यार्थियों को ऑलराउंड अवार्ड दिया गया है. जबकि चार प्रतिष्ठित विद्वानों को मानद उपाधि देकर सम्मानित किया गया है.
आपको बता दें कि गुरुवार को एमिटी विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह सुबह 11 बजे से शुरू हुआ. इसमें वर्ष 2018 की साक्षी जैसवाल, 2019 के सागर खरे, 2020 की सादिया ऊमरानी, 2021 के सौरव बिस्वास और 2022 की शिल्पी घोष को ऑलराउंड अवार्ड से सम्मानित किया गया. इस दौरान कुलसचिव डॉ सुरेश ध्यानी और सभी विभागों के विभागाध्यक्ष मंच पर उपस्थित रहे. प्राध्यापक, अभिभावक और विद्यार्थियों ने समारोह के अलंकरण सत्र में सम्मिलित होने के बाद विभागों में डिग्री वितरण के लिए निर्धारित सत्रों में उपस्थिति सुनिश्चित की.
सपने देखें, योजना बनाएं और उस पर काम कर आगे बढ़ें
विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ के कुलाधिपति डॉ. डब्लू. सेल्वामूर्ति ने कहा कि एमिटी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों और शोधार्थियों द्वारा अनुसंधान के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया गया है. जब मैं पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम के साथ डीआरडीओ में कार्यरत था तब वे कहते थे सपने देखो, योजना बनाएं फिर उस पर कार्य कर आगे बढ़ें. यह नीति प्रत्येक विद्यार्थी और प्रशिक्षु के लिए अनिवार्य है. विद्यार्थियों को भी राष्ट्र के विकास में अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी चाहिए. विश्वविद्यालय के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. असीम के. चौहान ने भी संस्थान की उपलब्धियां गिनाईं.
गोद लिए गांवों का विकास है लक्ष्य
कुलपति प्रोफेसर डॉ पीयुष कांत पांडेय ने विश्वविद्यालय की वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए बताया कि एमिटी विश्वविद्यालय को 3 हैकेथॉन पुरस्कार प्राप्त हुए, आईआईटी दिल्ली के नोडल केंद्र के रूप में एमिटी विश्वविद्यालय कार्य कर रहा है. हम जल जीवन मिशन के तकनीकी सहयोगी संस्था के रुप में कार्यरत् हैं. विश्वविद्यालय ने 5 ग्रामों को विकसित करने के लिए गोद लिया है. उनके समुचित विकास में योगदान देने पर हमारा जोर है.
अभिभावकों के प्रति रहें कृतज्ञ
छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के अध्यक्ष उमेश मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि अगर पहाडों की ऊंचाई तक नहीं पहुंचेंगे तो नजारा अच्छा नहीं दिखेगा, इसलिए निरंतर लक्ष्य को ध्यान में केंद्रित कर योजना बनाएं और क्रियान्वयन के लिए प्रयास करते रहें. अपने अभिभावकों के प्रति हमेशा कृतज्ञ रहें.
इन्हें मिली मानद उपाधि
दीक्षांत समारोह में सारडा कंपनी के सीएमडी कमल किशोर सारडा, सेवानिवृत्त आईएएस डॉ. सुशील त्रिवेदी और एम्स रायपुर के निदेशक नितीन एम नागरकर को ऑनरिस कॉजा (मानद उपाधि) से सम्मानित किया गया. जबकि लॉर्सन एंड टूब्रो के हेमंत कुमार को मानद प्रोफेसरशिप से सम्मानित किया गया.
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