मनेंद्रगढ़. लोकसभा चुनाव में बीजेपी की कोरबा प्रत्याशी सरोज पांडेय का संकट बढ़ने वाला है. चिरमिरी में आयोजित कथा में पं. धीरेंद्र शास्त्री ने आयोजक के रूप में न सिर्फ सरोज पांडेय का नाम लिया था, बल्कि प्रचार-प्रसार से लेकर गाड़ियों में भी सरोज पांडेय व पार्टी के नाम का इस्तेमाल किया गया था. निर्वाचन व्यय समिति पूरे खर्च का हिसाब लगाने में जुट गई है.
बता दें कि लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के लिए प्रचार-प्रसार के खर्च की सीमा तय की गई है. प्रावधान ये भी है कि किसी भी कार्यक्रम में प्रत्याशी पहुंचता भी है या कार्यक्रम के मंच से प्रचार किया जाता है तो इसका खर्च प्रत्याशी के खर्च में जोड़ा जाता है.
प्रचार-प्रसार के दौर में ही चिरमिरी में पं. धीरेंद्र शास्त्री की कथा आयोजित हुई. इसके प्रचार-प्रसार के दौरान बीजेपी व उनकी प्रत्याशी सरोज पांडेय के नाम का उपयोग हुआ, यानी प्रचार-पसार किया गया. कसर तब पूरी हो गई, जब पं. शास्त्री ने कथा के दौरान आयोजक के रूप में सरोज पांडेय का नाम लिया.
इसके साथ ही व्यय समिति ने इस खर्च का आकलन शुरू कर दिया है. माना जा रहा है कि इसमें 35 से 40 लाख रुपये तक खर्च हुए होंगे. आंकड़े जुटाने के बाद इसे लेकर प्रत्याशी को नोटिस दिया जाएगा. आशंका इस बात की भी जताई जा रही है कि यदि इसके चलते खर्च तय सीमा से ज्यादा हो गई तब क्या होगा. बहरहाल समिति आकलन में जुटी है.
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