रायपुर। उत्तर प्रदेश, राजस्थान और गुजरात की तरह ही छत्तीसगढ़ में भी लंपी वायरस (Lumpy Skin Disease) ने मवेशियों को अपनी चपेट में ले लिया है। बढ़ते मामलों के बाद राज्य सरकार ने कोरोना की तरह से वैक्सीनेशन अभियान चलाने की योजना तैयार की है। इसके लिए राज्य सरकार ने केन्द्र से 06 करोड़ रुपए की राशि मांगी है।
जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार ने सभी जिलों में पशु चिकित्सा विभाग के अफसरों को इसके लिए चिट्ठी जारी कर दी है। पशु चिकित्सा विभाग ने लंपी वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य की सीमाओं पर अलर्ट जारी कर दिया है। मवेशियों की आवाजाही पर निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।
बार्डर पर चौकसी बढ़ाने के निर्देश
जारी निर्देश के अनुसार, लंपी वायरस संक्रमित पशु मिलने वाले इलाके के 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले सभी पशु बाजारों को बंद रखा जाए। संक्रमित गांवों में पशु मेला, पशु प्रदर्शनी, पशु व्यापार पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने को कहा गया है। लंपी वायरस के संभावित खतरे को देखते हुए प्रदेश के 18 जिलों की सीमाओं पर चौकसी बढ़ाने के लिए कहा गया है। क्योंकि इनमें से होकर पड़ोसी राज्यों से बीमार पशुओं के आवागमन की संभावना है। आसपास के गांवों में कोटवारों को भी इसके लिए अलर्ट कर दिया गया है।
यह हैं लंपी रोग के लक्षण
पशुधन मामलों के जानकार बताते है कि, लंपी रोग के लक्षण पशुओं को बुखार आना, उनकी नाक व आंख से पानी बहना, भूख न लगना तथा शरीर पर सिक्के के बराबर चकत्ते/फफोले पड़ना है। इन फफोलों पर मच्छर-मक्खियां बैठती हैं, जिनसे दूसरे पशु भी प्रभावित हो जाते हैं। यह रोग पशुओं से मनुष्यों में नहीं होता है। इस लिए लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।
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