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जोगी शासनकाल में प्रशिक्षण देने वाला आईसेक्ट छत्तीसगढ़ में ब्लैकलिस्टेड, 1.82 करोड़ की पकड़ी गई थी गड़बड़ी

 Newsbaji  |  May 16, 2023 11:37 AM  | 
Last Updated : May 16, 2023 11:37 AM
ब्लैकलिस्टेड होने के बाद आईसेक्ट को नहीं मिलेगा कोई सरकारी काम व प्रोजेक्ट.
ब्लैकलिस्टेड होने के बाद आईसेक्ट को नहीं मिलेगा कोई सरकारी काम व प्रोजेक्ट.

रायपुर. छत्तीसगढ़ में जोगी शासनकाल में इंदिरा सूचनाशक्ति योजना के तहत स्कूलों में प्रशिक्षण देने वाली संस्था आईसेक्ट को छत्तीसगढ़ सरकार ने ब्लैकलिस्टेड कर दिया है. दरअसल, लोकलेखा समिति ने उस समय संस्था को 1.82 करोड़ रुपये का अनियमित भुगतान किया गया था,  जिसके आधार पर अब कार्रवाई की गई है. अब प्रदेश में किसी भी प्रकार के सरकारी प्रशिक्षण या कोर्स इस संस्था द्वारा आयोजित नहीं किए जा सकेंगे.

बता दें ‍कि आईसेट यानी आल इंडिया सोसाइटी फॉर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी कंप्यूटर प्रशिक्षण देने वाली संस्था है. जोगी शासनकाल में इंदिरा सूचनाशक्ति योजना की शुरुआत की गई थी. इसमें स्कूलों में बच्चों को कंप्यूटर प्रशिक्षण देने की पहल शुरू की गई थी. इसकी जिम्मेदारी तब इस संस्था को दी गई. प्रशिक्षण के आधार पर उन्हें भुगतान किया जाता है.

ऑडिट में पकड़ी गई थी गड़बड़ी
योजना के तहत संस्था द्वारा वर्ष 2001 से साल 2004 तक प्रशिक्षण दिया गया. वहीं इस दौरान संस्था को सरकार द्वारा भुगतान किया जाता रहा. इस बीच लोक लेखा समिति ने अपने 36वें प्रतिवेदन में इस योजना के दोषपूर्ण क्रियान्वयन का खुलासा किया गया. इसमें बताया गया कि संस्था को 1.82 करोड़ रुपये का अनियमित भुगतान किया गया था.

नोटिस का दिया ऐसा जवाब, फिर कार्रवाई
बता दें कि गड़बड़ी पकड़े जाने पर विभाग द्वारा संस्था को नोटिस जारी किया गया था. तब आईसेक्ट संस्था ने समिति के सर्वे को ही अविश्वसनीय बता दिया था. वहीं अब समिति ने ही आईसेक्ट को ब्लैक लिस्टेड करने की अनुशंसा कर दी है. इस संबंध में शिक्षा विभाग के अवर सचिव ने इसका आदेश भी जारी कर दिया है.

डिग्री को नहीं मिलती मान्यता
जानकारी के लिए बता दें कि इस संस्था द्वारा प्रदेश के साथ ही देश के कई राज्यों में ब्रांच के माध्यम से ट्रेनिंग सेंटर खोले गए हैं. वहां कंप्यूटर प्रशिक्षण के तहत कई कोर्सेज चलाए जा रहे हैं. लेकिन, सरकारी नौकर‍ियों में उनके कोर्सेज व डिग्रियों को मान्यता पहले से ही नहीं दी जाती रही है. अब इस संस्था को कम से कम छत्तीसगढ़ में कोई सरकारी काम भी नहीं मिलेगा.

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