रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में संचालित एम्स यानी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में काम कर रहे 500 ठेकाकर्मी काम से निकाले जाने की कवायद के बीच हड़ताल पर बैठ गए हैं. इसके चलते सुबह से ओपीडी से लेकर एमआरडी तक का काम प्रभावित हो गया है. आउटसोर्सिंग के तहत ये पिछले करीब 10 साल से काम कर रहे हैं. अब नौकरी जाने के डर से वे हड़ताल कर रहे हैं.
बता दें कि आउटसोर्सिंग पर कार्यरत इन कर्मचारियों का कहना है कि मिशन रिकूटमेंट के तहत उन्हें कंपनी के माध्यम से नियुक्त किया गया था. वहीं अब उनके पदों पर नियमित भर्ती की जा रही है. इसे लेकर एम्स प्रबंधन द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि पहले से कार्यरत इन कर्मचारियों को हटाया जाए.
ऐसे में अब उनके सामने नई नौकरी की चुनौती खड़ी हो गई है. उनका भविष्य खतरे में पड़ गया है, क्योंकि अब उन्हें अपने परिवार के लालन-पालन की चिंता है. बिना काम के वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कैसे करेंगे यह किसी को समझ में नहीं आ रहा है.
अनुभव व सेवा की अनदेखी
कर्मचारियों का कहना है कि उनमें से कई कर्मचारी ऐसे हैं, जो पिछले 10 साल से यहां अपनी सेवाएं दे रहे हैं. साथ ही वे अब अपने काम का अनुभव भी रखते हैं. जब नियमित नियुक्ति की गई तो उनकी सेवा और अनुभव को महत्व दिया जाना चाहिए था. इसकी सिरे से अनदेखी की गई है.
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