रायपुर। छत्तीसगढ़ में कर्मचारी संगठनों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उनकी मांग है कि महंगाई भत्ता DA और गृह भाड़ा भत्ता HRA बढ़ाया जाए। इन्हीं सब मांगो को लेकर छत्तीसगढ़ के कर्मचारी संगठन अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे है। बताया जा रहा है कि, इस हड़ताल में करीब 96 कर्मचारी-अधिकारी संगठन शामिल होंगे।
इस हड़ताल की वजह से अगले कुछ दिनों तक स्कूलों में पढ़ाई, न्यायिक प्रक्रिया, राजस्व मामलों के निपटारे से लेकर सामान्य सरकारी कामकाज ठप हो जाने का खतरा मंडरा रहा है। आंदोलन को लेकर सरकार भी सख्ती के मूड दिखाई दे रही है। प्रदेश के कलेक्टरो को वैकल्पिक व्यवस्था से कामकाज जारी रखने के निर्देश जारी किए गए है।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने बताया कि, फेडरेशन दो सूत्रीय मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत है। इसमें केन्द्र के समान देय तिथि से 34% महंगाई भत्ता एरियर्स सहित और 7वें वेतनमान के अनुरूप गृह भाड़ा भत्ता देने की मांग शामिल है। पिछले दिनों संगठन ने पांच दिनों के लिए हड़ताल की थी। तब अधिकारियों के साथ दो दौर की बातचीत में मांगों को माने जाने पर सहमति बन चुकी थी। बाद में सरकार ने ऐसे संगठनों को बातचीत के लिए बुला लिया जो आंदोलन में शामिल ही नहीं थे।
बाद में 6% महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी हो गया। यह बहुत कम है और अधिकांश कर्मचारियों को यह स्वीकार नहीं है। ऐसे में प्रदेश के 96 कर्मचारी संगठनों ने 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। इसमें न्यायिक सेवा अधिकारी-कर्मचारी संघ और कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संघ भी शामिल हो रहा है। प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब न्यायालयों के कर्मचारी किसी हड़ताल में शामिल होने जा रहे है।
शासकीय दफ्तरों पर पड़ेगा बड़ा असर
कलेक्टर कार्यालय, राजस्व विभाग, तहसील कार्यालय, जिला न्यायालय, लोक निर्माण विभाग, खनिज, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्कूल शिक्षा, कोषालय, स्वास्थ्य, सिंचाई, नवा रायपुर अंतर्गत समस्त संचालनालय एवं इंद्रावती भवन, लोक सेवा आयोग, परिवहन विभाग, जनपद पंचायत, कृषि विभाग, वन विभाग, समाज कल्याण विभाग सहित विभिन्न विभागों पर बड़ा असर पड़ सकता है।
कलेक्टरों को दिए गए विशेष निर्देश
प्रदेश में हड़ताल का प्रभाव कम करने के लिए तैयारी की गई है। सरकार ने सभी कलेक्टरों को इसके लिए निर्देश दिए हैं। कलेक्टरों से संविदा और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के जरिए व्यवस्था सुचारु रूप से चलाने के निर्देश दिए गए हैं और कहा गया है कि, बाढ़ और बारिश की स्थिति में प्रशासन का मुस्तैद रहना आवश्यक है।
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